खबर लहरिया Blog Sambhal violence: सपा के सांसद जियाउर रहमान वर्क व विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल पर FIR दर्ज

Sambhal violence: सपा के सांसद जियाउर रहमान वर्क व विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल पर FIR दर्ज

संभल हिंसा मामले में अब तक पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ़्तार किया है और 2750 से अधिक अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है। एफआईआर में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिंसा भड़काने और दंगा करने के आरोप शामिल है।

                                                  संभल हिंसा के बाद स्थानीय जगह पर तैनात पुलिस ( फोटो साभार – सोशल मीडिया)

यूपी के संभल हिंसा में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क पर भीड़ को उकसाने और हिंसा करवाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने आरोपों के आधार पर रविवार 24 नवंबर 2024 को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। हालाँकि जियाउर रहमान वर्क ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा वह घटना के समय बेंगलुरु में थे। पुलिस ने हिंसा में स्थानीय सपा विधायक इकबाल महमूद के पुत्र सोहेल इकबाल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया। संभल में हिंसा रविवार 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई जिसमें नाराज लोगों ने कथित तौर पर पुलिस पर पथराव किया और आगजनी की। फिलहाल संभल में स्थिति शांतिपूर्ण है और सुरक्षा बल तैनात है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संभल में हुई हिंसा में अब तक मृतकों की संख्या 5 है जबकि 20 पुलिस वाले घायल हुए। इस घटना में अब तक पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ़्तार किया है और 2750 से अधिक अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है। एफआईआर में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिंसा भड़काने और दंगा करने के आरोप शामिल है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने संभल के इलाकों में शांति मार्च निकाला। हिंसा के बाद अब भी शाही जामा मस्जिद के आसपास की सड़कें खाली दिखाई दी।

यहां पढ़ें पूरा मामला – Sambhal violence: संभल हिंसा में अब 5 लोगों की मौत, जानें क्या है ‘हरीहर मंदिर – जामा मस्जिद’ का पूरा मामला 

हिंसा भड़कने की वजह

मीडिया की रिपोर्ट बताती है कि संभल में स्थित जामा मस्जिद पर यह दावा किया गया कि इसकी जगह पहले कभी हरि हर मंदिर हुआ करता था। इस दावे के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में जाँच के लिए याचिका दायर की थी। इसके आधार पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण अदालत के आदेश पर शुरू हुआ। दूसरी बार जब 24 नवंबर को कोर्ट के आदेश पर टीम मस्जिद के सर्वे के लिए पहुंची तो कुछ लोगों ने मस्जिद के बाहर भीड़ इकट्ठा कर ली। इसके बाद भीड़ ने हिंसा का रूप ले लिया और स्थिति काबू से बाहर हो गई थी।

 

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