खबर लहरिया Blog साक्षी! कुश्ती हमेशा तुम्हारे नाम रहेगी…..

साक्षी! कुश्ती हमेशा तुम्हारे नाम रहेगी…..

सत्ता और ताकत से सराबोर बृज भूषण सिंह व कुश्ती महासंघ के नए चीफ संजय सिंह सिर्फ सीट जीत सकते हैं पर ये लोग इस लड़ाई को नहीं रोक सकते।

sakshi Wrestling will always be your

                                                                                               ओलिंपिक खेल के दौरान साक्षी की फोटो

“मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूँ। मैं आज के बाद आपको वहां नहीं दिखूंगी।” – ओलिंपियन विजेता साक्षी मलिक के यह शब्द, उनके संघर्ष व लड़ाई को इंगित करते हैं। आंखो में आंसू, लबों पर बंधे शब्दों के साथ अपने कुश्ती के जूतों को टेबल पर रखते हुए इन शब्दों को कहना, यह मौजूदा सरकार की हार है, यह सरकार की नाकामयाबी है।

साक्षी ने कहा, ‘भविष्य में आने वाले जो बेटे हैं, बेटी हैं जो कुश्ती में आ रहे हैं, उन्हें यह लड़ाई लड़नी पड़ेगी।’

और यह लड़ाई लड़ी जायेगी। यह लड़ाई ज़ारी रहेगी क्योंकि कुश्ती छोड़ना इस लड़ाई का निष्कर्ष नहीं, अन्य शुरुआत है, अन्य संघर्ष, लड़ाई का रास्ता है जो तुमने दिया है। कुश्ती हमेशा तुम्हारी रहेगी, साक्षी – ये नाम हमेशा रहेगा।

                                                  साक्षी के वह जूते जिसने कुश्ती में उनका साथ निभाया 

साक्षी के आंखो में झलके आंसू, उन सभी लोगों के आँखों में जो लड़ाई में उनके साथ रहे, जो इस लड़ाई को अभी भी थामे हुए है और आगे भी हर एक हाथ इसे समय-समय पर थामता रहेगा क्योंकि लड़ाई, संघर्ष कभी खत्म नहीं होता। कोई न कोई इसे उठाता है, लड़ता है और ये ऐसे ही ज़ारी रहता है।

सत्ता और ताकत से सराबोर बृज भूषण सिंह व कुश्ती महासंघ के नए चीफ संजय सिंह सिर्फ सीट जीत सकते हैं पर ये लोग इस लड़ाई को नहीं रोक सकते। ये लड़ाई जो साक्षी उन सभी कुश्ती खिलाड़ियों के लिए लड़ रही हैं जिनके साथ शोषण होता आया है, हो रहा है……यह लड़ाई सबकी है जिसे ये सत्ता रोकने की कोशिश तो कर रही है लेकिन कभी रोक नहीं पाएगी।

सत्ता की ताकत में खुलेआम घूम रहे ये आरोपी, कभी सत्ता से बाहर आकर इन आवाज़ों, संघर्षों से जीत नहीं सकते।

साक्षी तुम्हारी लड़ाई से ये इतने डरे हैं कि अपनी सीट सिर्फ अपने दाएं हाथ तक पहुंचा पा रहे हैं ताकि ताकत का हाथ उनके सिर को हमेशा ढकता रहे।

21 दिसंबर को प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में रखे प्रेस कांफ्रेंस में साक्षी ने कहा, “लड़ाई लड़ी, पूरे दिल से लड़ी लेकिन प्रेजिडेंट बृज भूषण जैसे आदमी जैसा ही रहता है तो, जो उसका सहयोगी है, बिज़नेस पार्टनर है, वो अगर इस फेडरेशन में रहेगा तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूँ। मैं आज के बाद आपको वहां नहीं दिखूंगी। सभी देशवासियों को धन्यवाद जिन्होंने आज तक मेरा इतना सपोर्ट किया। मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया।”

“बहुत साल लगे ये हिम्मत बनाने के लिए, फेडरेशन के प्रेजिडेंट के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए। हमें बहुत साल लगे, हमने ये हिम्मत बनाई और ये प्रोटेस्ट किया” – साक्षी मलिक

मैं निःशब्द हूँ, ये हिम्मत, ये जज़्बा दिखाने, इस लड़ाई का चेहरा बनने के लिए साक्षी मुझ जैसे कई लोग हमेशा तुम्हारे आभारी रहेंगे। हर कोई, सबके लिए नहीं लड़ता, हर कोई अपने जीवन के महत्वपूर्ण अंग, जैसे तुम्हारी लिए तुम्हारी कुश्ती उसे छोड़कर, एक नए संघर्ष का पैगाम नहीं देता।

साक्षी ये हार नहीं, ये दूसरी लड़ाई की शुरुआत है और ये लड़ाई साथ लड़ी जायेगी!

 

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