आप सब जानते हैं इस समय देश में साक्षी मिश्रा की चर्चा है रातों दिन शोशल मुड़िया में साक्षी को गालिय दी जा रही हैं ज्यादातर लोग उसको गंदा बोल रहे हैं फेसबुक ट्यूवीटर खोलो तो सबसे पहले गलियां ही पढ़ने को मिल रही है
साक्षी मिश्रा बरेली के विधायक की बेटी है उसने एक दलित लड़के से शादी की है जिसके वजह से परिवार ने उसको विस्थापित कर दिया उसने अपने ही परिवार से जान से मारने की बात कही है और सुरक्षा की मांग की है पूरी दुनिया अब उसके खिलाफ है लोग कह रहे हैं वो संस्कारी नहीं है वो अपने मां और बाप के खिलाफ है अपने संस्कार भूल गयी है ऐसी लड़की को जन्म लेना ही बेकार है उसको चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चहिए
जब हमारा संविधान हर तरह की आजादी देता है तो समाज के कुछ ढोंगि ठेकेदारों को ये बात इतनी क्यों बुरी लगती है। आखिकार इनका क्या फायदा है इसको समझने की जरूरत है। ये ढोंगि जो भविष्य को आगे ले जाने की बात करते हैं वह इस तरह की जबरजस्ती धोग्बाजी करके किस तरफ ले जाएंगे ये जानते हुए भी लोग सकारात्मकता की बात क्यों नहीं करते। साची की शादी को इतना राजनितिक क्यों बना दिया है भईकई मीडिया चैनल तो सिर्फ इस शादी को सनसनी बना दिया है ऐसी बाते ही रही हैं मानो अब देश और समाज में और कोई मुद्दे ही नहीं है
शोसल मीडिया में जिस तरह की पोस्ट और कमेंट हो रहे हैं, ऐक तरह से उकसाया जा रहा है कि जैसे साक्षी के कारन लोग अपनी लडकियों को पेट में ही मार डालेगें , दुनिया में न आने देंगे स्कूल न भेजेंगे मतलब कि इस आड़ में सीधे तौर पर लडकियों या महिला समाज को दबाने की भरसक प्रयाश है। इस तरह की कमेंट बाजी से लड़कियाँ जिस तरह से सहम रही है, डर रही हैं, आजतक चैनल की एंकर अंजना कश्यप जिसने साची की यह खबर को चलाया उनको शोसल मीडिया पर गालिया दी जा रही हैं लोग उसकी लडकी को गंदी गंदी बाते और कमेंट्स लिख रहे हैं मैने भी साची के पछ में लिखा तो लोग मुझे भी गाली दे रहे हैं
ये हमारे समाज के लिए एक तरह से खतरे की घंटी है अरे समाज सुधर जा लडकियों को भी हक है अपने मन का जीवन साथी चुनने का अंतरजातीय शादी करने का खुल कर जीने का और हा यह पहली शादी नहीं है जब एक अंतरजातीय शादी की राजनैतिक लोग फिल्मी जगत के लोग और समाज में भी और खुशहाल जिन्दगी जी रहे हैं तो फिर साची के की शादी में इतना भूचाल क्यों कयोकी उच्च जाती की बात है इस लिए ये धर्म के ठेकेदार सबसे ज्यादा अपना सर पटक रहे है अरे मुझे तो हसी भी आती है कहते हैं न की पानी का हगा उतराय का नहीं रही जात है भडक लो कुछ नहीं पाओगे अब लडकिया भी ऐसे भेदभाव को समझ रही है अपने अधिकार को समझ रही है
मौजूदा सरकार ने ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर भेद भाव खतम करने का अभियान चला रही है और उसी का इतना बड़ा विरोध जारी है। अरे प्रधान मत्री जी आप क्यों कुछ बोल नहीं रहे हैं आप क्यों साची की मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं क्या आप की भ नाक कट गई है क्या जहां पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाला नारा है और भाजपा पार्टी के लोग दलितों के घर घर जाकर उसके साथ बैठकर खाना खाने का ढोंग क्यों कर रहे हैं सच्चाई तो सबके सामने है
अब जरा ये समाज बताये कि क्या लड़कियों के लिए ही संस्कार होते हैं क्या इस दायरे में लड़के नहीं आते हैं जब साक्षी अपने साथ होने वाले भेदभाव के बारे बता रही हैं तो क्यो उल्टा उसके खिलाफ ही बात हो रही है जब एक लड़का या पुरूष किसी लड़की या महिला के साथ में बलात्कार करता है तब ये समाज और मीडिया क्यो लड़के के संस्कार की बात नहीं करते हैं बल्कि उल्टा उस बलात्कारी को बचाने की कोशिश करते हैं इसी समाज में उसके साथ सीना तान कर क्यो बैठते हैं उस लड़के के खिलाफ इस तरह से बहस क्यों नहीं होती है क्यों समाज उसके संस्कार की बात नहीं करता हैं क्यों उसको समाज से अलग नहीं क्र देते है वाह री समाज ऐसी गन्दी सोच को लानत है
साक्षी तुम जैसी बहुत लड़कियां हैं जो ऐसे संघर्ष कर रही हैं तुममें बहुत हिम्मत है तुम एक बदलाव की तरफ कदम बढ़ा रही हो इस समाज को तुमने सही आएना दिखाया है मत डरना मत घबडाना ऐसे समाज से जो सच्चाई में तुमको हिम्मत न देकर छोड़ रहा है