इस मंगलवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंत्री देवासोम कडकपल्ली सुरेन्द्रन, अन्य टीडीबी सदस्य और उच्च पुलिस अधिकारी के साथ एक बैठक की, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए कुछ प्रशासनिक कदम उठाएं गए हैं। पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की रोक को हटा दिया है, जिसके बाद पंबा में महिलाओं के लिए अलग से स्नान के घाट का बनवाने, रात के समय प्रकाश की व्यवस्था, बसों में महिलाओं के लिए विशेष सीट और इको फ्रेंडली शौचालय के निर्माण की व्यवस्था में काम करने की योजना बन रही है।
सबरीमाला तीर्थ में हर साल 30 मिलियन भक्त पूजा-अर्चना को आते हैं, जो हज के बाद दूसरी सबसे बड़ी संख्या श्रद्धालुओं की है। अब महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के साथ कई सालों से चला आ रहा रिवाज का अंत हुआ, मंदिर में 10 साल से 50 साल तक की महिलाओं का प्रवेश निषेध था। यह मंदिर भगवान अयप्पा का है।
राज्यमंत्री सुरेन्द्रन ने पत्रकारों को बताया कि अन्य सुविधाओं के साथ बसों में 25 प्रतिशत का आरक्षण महिलओं को दिया जाएगा, साथ ही भीड़ को नियन्त्रित करने के लिए महिला पुलिस की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि मंदिर के बाहर महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग से कोई लाइन नहीं होगी।