सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के बाद संघ परिवार समर्थित सबरीमाला एक्शन काउंसिल द्वारा गुरुवार को केरल बंद का फैसला घोषित किया गया है। बताया जा रहा है कि भीड़ की बढती हिंसा के कारण ये फैसला लिया गया है। जिसमें से अब तक 745 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन में लगभग 79 बसों को पत्थर से वार कर तोड़ दिया गया है।
ये भी बताया गया है कि इस हड़ताल में लोगों को बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों का समर्थन प्राप्त हुआ है। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर ये शहर में अब तक हुए चार हड़तालों में से एक माना गया है।
पथानामथिट्टा जिले के पंडालम में हिंसा में घायल हुए एक भाजपा कार्यकर्ता चंद्र उन्नीथन की इस हादसे के बाद मृत्यु हो गई थी जिस कारण ये विरोध प्रदर्शन और भी ज्यादा बढ़ गया है। तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, पलक्कड़, कोझीकोड, मलप्पुरम, कासरगोड और कन्नूर जिलों में फैलने वाले प्रदर्शनकारियों और विरोधियों के बीच संघर्ष के रूप में लगभग 559 मामले दर्ज किए गए हैं और 628 लोगों को प्रतिबंधात्मक हिरासत में लिया गया है।
महिलाओं सहित कई मीडिया कर्मियों पर भी हमला किया गया और लगभग 31 पुलिसकर्मियों की घायल होने की खबर भी सामने आई है। सीपीआई-एम के कई कार्यालय भी इसकी चपेट में आये हैं। नेदुमंगडु में, सीपीआई (एम) के कार्यालयों पर बम फेंके गए और पार्टी के कुछ नेताओं के घरों पर भी हमला किया गया है।
पलक्कड़ में सीपीआई के जिला कार्यालय को भी इस विरोध प्रदर्शन का शिकार होना पड़ा। वहीँ कस्बे में सीपीएम-भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मुठभेड़ की घटना भी सामने आई है। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी फेंके गए।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंदिर के प्रवेश पर प्रतिबंद हटाने के बाद बुधवार को पुलिस सुरक्षा सहित दो महिलाओं द्वारा सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया गया है। जिस कारण ही ये विरोध प्रदर्शन इतना बढ़ गया। उनके जाने की खबर सार्वजनिक होने के बाद, सबरीमाला तांत्र्री ने “शुद्धि” अनुष्ठान के लिए मंदिर को एक घंटे के लिए बंद भी कर दिया था।
इस हिंसात्मक प्रदर्शन पर कोई रोक ना देख पाने के कारण, केरल पुलिस ने हिंसक विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक विशेष अभियान, ‘ऑपरेशन ब्रोकन विंडो’ की शुरुआत की है। ऑपरेशन के तहत, पुलिस की विशेष शाखा हिंसा में लिप्त लोगों की एक सूची तैयार करेगी और इसे आगे की कार्रवाई के लिए जिला पुलिस प्रमुखों को सौंप देगी।