उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आयी है। एक व्यक्ति ने अपनी 18 साल की बेटी का गला काटकर हत्या करदी है। और हैरानी की बात तो यह है कि वो व्यक्ति अपनी बेटी का कटा हुआ सिर लेकर खुद थाने पहुंचा। पुलिस ने तुरंत उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
लड़की के थे एक युवक के साथ प्रेम सम्बन्ध-
उस लड़की की उम्र 18 साल बताई जा रही है और ऐसा माना जा रहा है कि लड़की के गाँव के ही एक युवक के साथ प्रेम सम्बन्ध थे। हरदोई पुलिस के अनुसार यह घटना 3 मार्च 2021 की है जब इस आदमी ने अपनी बेटी के प्रेम प्रसंग के कारण गुस्से में आकर बेरहमी से एक धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया और फिर वो निर्दयी बाप अपनी बेटी का सिर उठाकर महिला थाने पहुँच गया। पुलिस की मानें तो जब वो आदमी थाने पहुंचा है तब उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी।
बता दें कि यह घटना हरदोई ज़िले के शाहबाद थाना छेत्र के पांडेयतारा गाँव की है। आरोपी सर्वेश की बेटी इंटर कर रही थी। बुधवार दोपहर जब सर्वेश की माँ घर के बाहर बनी दुकान पर बैठी थीं, और वो व्यक्ति उसकी पत्नी, छोटी पुत्री और पुत्र खेत पर गए हुए थे, तब बेटी ने अपने प्रेमी को घर पर बुला लिया था, अचानक से जब सर्वेश घर पहुंचा तब वो लड़का तो वहां से भाग गया पर अपनी बेटी को आपत्तिजनक अवस्था में देख, वो पिता अपना आपा खो बैठा और अपनी बेटी को मौत के घाट उतार दिया।
हैरान करने वाली बात तो यह है कि वो व्यक्ति अपनी बेटी का सिर धड़ से अलग करके उसे बालों से पकड़ कर खुद ही थाने की ओर चल पड़ा।
ऐसी ही एक घटना कुछ महीने पहले बाँदा में देखने को मिली थी, जब एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के एक पड़ोस के युवक के साथ प्रेम-सम्बन्ध होने के कारण उसका गला रेत कर हत्या कर दी थी, और हरदोई में हुई घटना की तरह वो भी अपनी पत्नी का सिर लेकर थाने पहुंचा था और अपना जुर्म कुबूला था।
पुलिस ने तुरंत ही कर लिया व्यक्ति को गिरफ्तार-
पुलिस के मुताबिक़ एक दो पुलिस अफसरों ने जब उस व्यक्ति को थाने आते देखा तो बीच रास्ते पर ही उसके हाँथ से वो सिर छीन लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया। इस घटना की सूचना मिलते ही हरदोई जिले के पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स भी मौके पर पहुंच गए। एसपी अनुराग वत्स का कहना है कि कि बेटी के अफेयर से क्रोध में आकर इस व्यक्ति ने यह कदम उठाया। और पहले तो उसने अपनी बेटी की पिटाई की फिर धारदार फरसे से उसका गला काट दिया। एसपी अनुराग के मुताबिक़ उसने जब पुलिस को देखा तो वो कहना लगा कि “साहब मैंने अपनी बेटी का गला काट दिया।” जिसके तुरंत बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने खुद ही पूरी घटना का विवरण पुलिस को दिया है। एसपी ने बताया कि अभी आरोपी और उसके परिवार वालों से पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही इस पूरे मामले की भी जांच की जा रही है और जल्द से जल्द आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Hardoi: Angered by his daughter's alleged love affair, a man in Majhila area beheaded her. Police arrested him while he was walking towards the police station with his deceased daughter's head.
"We are interrogating the man," says Anurag Vats, SP Hardoi pic.twitter.com/5Vfh8fIIUY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 3, 2021
उत्तर प्रदेश में दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं दरिंदगी के मामले-
बता दें कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ इस प्रकार की हिंसा और घटनाएं कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं हैं। एनसीआरबी की 2019 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराधों के सबसे ज़्यादा मामले उत्तर प्रदेश में आए हैं। यूपी में प्रतिदिन 87 बलात्कार के मामले सामने आये हैं, वहीँ साल भर में यूपी में महिलाओं के खिलाफ 59,853 अपराधों को दर्ज किया गया।
कभी हरदोई , कभी बांदा, तो कभी अलीगढ़, आये दिन यूपी के किसी न किसी शहर से एक ऐसी घटना की खबर सामने आ जाती है जिसे सुनकर हमारे तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं लेकिन ऐसी घटना को अंजाम देते समय आरोपियों की अंतरात्मा नहीं कांपती।
और आश्चर्य की बात तो यह है कि इस प्रकार से हुई ज़्यादातर हत्याओं का शिकार महिलाओं को ही बनना पड़ा है, और जब इन मामलों की जांच की गयी तो जो कारण सामने आये हैं वो हैं, “लव–जिहाद” यानी दुसरे धर्म के व्यक्तियों से प्रेम–सम्बन्ध, “हॉनर किलिंग” यानी परिवार की प्रतिष्ठा के नाम पर की जाने वाली हत्या और “एक–तरफ़ा प्यार”।
अभी थोड़े दिन पहले ही अलीगढ़ की एक घटना सामने आयी थी, जहाँ 17 साल का एक युवक खेत में बैठ के पोर्न फिल्म देख रहा था, जब थोड़ी देर बाद वहाँ एक 14 वर्षीय दलित लड़की आयी तो लड़के ने उसका बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी।
अफ़सोस तो इस बात का है कि पुरुष अभी तक महिलाओं को एक निर्जीव वस्तु की तरह देखते हैं जिसे जब मन चाहा मार दिया, काट दिया। और हर चीज़ का भुगतान इन महिलाओं को ही करना पड़ता है,न उन्हें खुल कर प्यार करने की आज़ादी है, न ही अपने विचारों को सामने रखने की। वो पुरुष नाम की बेड़ियों में फंस कर रह गयी हैं, जिसके चंगुल से निकलना अब हमारे लिए मुश्किल हो रहा है। अब सिर्फ महिलाओं के ही विरोध करने से कुछ नहीं होगा बल्कि पुरुषों को भी उन्हें न्याय दिलाने के लिए आगे आना पड़ेगा।
सरकार और प्रशासन महिला दिवस के दिन तो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, महिलाओं को हर छेत्र में न्याय दिलाने के वादे करते हैं लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही है। जब भी ऐसी कोई घटना होती है तो पुलिस सिर्फ मामले की सम्पूर्ण जांच होने का हवाला देकर मीडिया और पीड़ित परिवार का मुंह बंद कर देती है। लेकिन उन महिलाओं का क्या जो हर रोज़ ऐसी दुर्बल घटनाओं का शिकार हो रही हैं और बिना किसी कारण मौत के घात उतर रही हैं। जब भी किसी महिला की हत्या या आत्महत्या का कोई मामला सामने आता है तो आरोपी अपनी गलती का पश्चाताप करने के बजाय महिला पर ही लांछन लगाकर उसे नीचे दिखाने की कोशिश करता है। यह सिर्फ यही दर्शाता है कि अभी भी हमारा समाज महिलाओं को किस नज़र से देखता है।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।