सरस्वती साहू, उम्र 41 वर्ष, ग्राम दारगांव, ब्लॉक सहसपुर लोहारा, जिला कबीरधाम की रहने वाली हैं। आर्थिक तंगी के चलते स्कूल नहीं जा सकीं, लेकिन हिम्मत और समझदारी के दम पर उन्होंने जीवन को एक नई दिशा दी। बिना औपचारिक शिक्षा के उन्होंने न सिर्फ संगठनात्मक काम करना सीखा बल्कि मोबाइल फोन के जरिए डिजिटल दुनिया में कदम रखा। ऑनलाइन मीटिंग करना, खुद से पढ़ना-लिखना सीखना और गांव की महिलाओं को जोड़कर एक सशक्त उदाहरण बन गईं। यह वीडियो एक ऐसी महिला की कहानी है, जिसने समाज के नियमों को तोड़कर अपनी पहचान खुद बनाई।
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