ग्रामीण भारत के किसान और अन्य परिवार की औसत मासिक बचत 1413 रुपये है, जो बचत छत का खरीद के लिए तो पर्याप्त है। लेकिन दुख की बात है कि ये बचत कर्ज की भरवाई में चला जाता है। वहीं देश के 29 राज्यों में सबसे गरीब राज्यों में आंध प्रदेश, झारखंड और बिहार हैं।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) ने हर तीसरे साल होने वाले अखिल भारतीय समावेश सर्वेक्षण के आधार पर कहा कि 2015- 16 में किसानों की मासिक आय में 2012- 13 के 6,426 रुपये से बढ़कर 8,059 रुपये हो गई है।
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों पर औसतन रायल एनफिल्ट बुलेट 350 की कीमत के बराबर का कर्ज है। 2013 में ग्राणीण लोगों पर 1.3 लाख रुपये से अधिक का कर्ज था। ये कीमत उस समय रायल एनफिल्ट बुलेट 350 की कीमत के बराबर थी। कर्ज के इस भार से साफ पता चल रहा है कि अधिकतर ग्रामीण गरीबी में जीवन जी रहे हैं।
पंजाब, हरियाणा और केरल में रहने वाले किसान परिवार की मासिक आय 29 राज्यों में सबसे अधिक है, जो क्रम के अनुसार 23,133 रुपये, 18,496 रुपये और 16,927 रुपये हो गई है। वहीं 2012- 13 में इन राज्यों में मासिक आय 18,059 रुपये, 14,434 रुपये और 11,888 रुपये थी। लेकिन खर्च की बात करें तो केरला का औसत मासिक खर्च 11, 156 और पंजाब का 11, 707 रुपये है।
साभार: इंडियास्पेंड