हम अक्सर कहते हैं कि ये “प्राकृतिक आपदा” है — लेकिन असली सवाल ये है कि तैयारी कहां है? बाढ़ अब दुनिया की सबसे ज़्यादा बार आने वाली प्राकृतिक आपदा बन गई है। हालाँकि खबरों में ज़्यादातर ध्यान शहरों में हुए नुकसान पर होता है, लेकिन असल में सबसे ज़्यादा नुकसान गांवों में होता है। वहां लोगों की आजीविका, खेती और सप्लाई सिस्टम पर भारी असर पड़ता है। इसके अलावा, ज़्यादातर प्रभावित लोग ऐसे इलाकों में रहते हैं जो गरीब हैं और जहाँ ज़्यादातर लोग खेती पर ही अपनी भूख मिटाने के लिए निर्भर हैं। जलवायु परिवर्तन की वजह से जब बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है, तो हमें ग्रामीण इलाकों पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए — क्योंकि वे न सिर्फ़ सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं, बल्कि बाढ़ से बचाव के समाधान भी वहीं से निकल सकते हैं।
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