भारतीय खाद्य निगम के अनुसार, 1.07 करोड़ बैग के ऑर्डर दिए गए हैं। हर बैग की कीमत 12,375 रुपये है। यह भी बताया गया कि राजस्थान में सालासर टेक्नोटेक्स प्राइवेट लिमिटेड, राजस्थान फ्लेक्सिबल पैकेजिंग लिमिटेड और अलायंस पॉलीसैक्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों को राशन बैग बनाने के कॉन्ट्रैक्ट दिए गए हैं।
राशन के बैग पर पीएम मोदी वाली तस्वीर के लिए लगभग 13 करोड़ रूपये खर्च किये गए हैं और यह 13 करोड़ की लागत सिर्फ एक राज्य की है। द न्यूज़ मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यकर्ता अजय बोस द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) का इस्तेमाल करते हुए भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) के जयपुर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा ज़ारी टेंडर्स के बारे में जानकारी मांगी गई थी।
जानकारी में पाया गया कि पीएम मोदी के चहरे वाले बैग के लिए आर्डर दिए गए हैं जिसकी कुल लागत 13.29 करोड़ रुपये हैं। इन बैग्स/थैलों का इस्तेमाल राजस्थान में किया जाएगा। वहीं अन्य राज्यों के बैग्स पर कितना खर्चा किया गया है, यह स्पष्ट नहीं है।
इसे अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा 2024 के चुनाव से जोड़ा जा रहा है।
राशन बैग पर खर्च होने वाली लागत
भारतीय खाद्य निगम के अनुसार, 1.07 करोड़ बैग के ऑर्डर दिए गए हैं। हर बैग की कीमत 12,375 रुपये है। यह भी बताया गया कि राजस्थान में सालासर टेक्नोटेक्स प्राइवेट लिमिटेड, राजस्थान फ्लेक्सिबल पैकेजिंग लिमिटेड और अलायंस पॉलीसैक्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों को राशन बैग बनाने के कॉन्ट्रैक्ट दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत, अंत्योदय अन्न योजना व प्राथमिकता घरेलू (PHH) वाले परिवारों के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को राशन बैग वितरित किये जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से 2022 के बीच 70 करोड़ से ज़्यादा लोगों को अनाज मिला था।
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रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जहां राजस्थान 12.3 रुपये प्रति बैग की कीमत पर सिंथेटिक बैग खरीद रहा है, वहीं नागालैंड प्रति बैग 9.3 रुपये में खरीद रहा है। नागालैंड का कॉन्ट्रैक्ट राजस्थान फ्लेक्सिबल पैकेजिंग को सौंपा गया है।
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि, “पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त अनाज वितरण के दौरान, 2020 में महामारी के समय गैर-ब्रांडेड 50 किलो जूट की बोरियों का इस्तेमाल किया गया था।”
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