स्विस समूह IQAir ने नई दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर की श्रेणी में रखा है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई एहम फैसले लिए गए। जिसमें वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण-IV (GRAP-IV) को लागू करने की घोषणा की गई।
दिल्ली से सटे इलाकों में जहां ठण्ड ने कदम रखा है तो वहीं प्रदुषण भी अपने चरमसीमा पर है। भारत के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बताया कि मंगलवार 19 नवंबर को दिल्ली में 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 के पैमाने पर 488 था यानी बेहद ख़राब रहा है। दिल्ली में कई इलाकों में AQI 500 दर्ज किया गया है। प्रदूषण का यह असर दिल्ली के साथ यूपी के 8 जिलों में भी दिखा। मध्य प्रदेश के कई बड़े शहर का वायु गुणवत्ता सूचांक (AQI) बेहद खराब स्तर पर दर्ज किया गया।
दिल्ली में दिख रहे घने कोहरे की चादर केवल सर्दी का असर नहीं है बल्कि यह वायु प्रदूषण का असर है जो स्मॉग का रूप है। यह प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है। हर साल दिल्ली की हवा जानलेवा हो जाती है जहां साँस लेना खतरे से खाली नहीं है। यह स्थिति सर्दी आने से और बिगड़ती चली जाती है। सरकार द्वारा किए गए इंतजाम भी इस प्रदूषण को रोकने में नाकाम साबित होते हैं। प्रदूषण को लेकर राजनीति भी की जाती है और दूसरे राज्य पर आरोप भी लगाए जाते हैं। यदि सच में सरकार ने सख्त कदम उठाए होते तो यह स्थिति हर साल पैदा नहीं होती।
दिल्ली में प्रदूषण और मौसम
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण में साँस लेना दिल्ली के लोगों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रहा है। दिल्ली की जहरीली हवा में साँस लेने से लोगों को इस दौरान साँस लेने में दिक्कत और आँखों में जलन महसूस हो रही है। कई लोगों की साँस की बीमारी का कारण ये दिल्ली की जहरीली हवा है। दिल्ली में छोटे बच्चों तक को साँस की समस्या होती है। जिन्हें साँस की बीमारी यानी अस्थमा और अन्य बीमारी हैं तो उनके लिए दिल्ली में साँस लेना जानलेवा है।
दिल्ली की हवा में सांस लेना रोजाना 40 सिगरेट पीने के समान
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के सीनियर कंसल्टेंट, रेस्पिरेटरी और क्रिटिकल केयर, डॉ. निखिल मोदी ने बताया कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि एक व्यक्ति के लिए यह प्रतिदिन 49-50 सिगरेट पीने के बराबर खतरनाक है। जिस तरह धूम्रपान करना हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है उसी तरह वायु में फैला प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जहरीली हवा लेने से स्वास्थ्य पर प्रभाव
सांस लेने में तकलीफ, खांसी, और फेफड़ों में जलन पैदा कर सकती है।
अस्थमा और अन्य सांस की बीमारियों के रोगियों के लिए यह गैस खतरनाक होती है।
बच्चों, बुजुर्गों, और कमजोर लोगों पर इसका ज़्यादा असर होता है।
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, स्विस समूह IQAir ने नई दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर की श्रेणी में रखा है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई एहम फैसले लिए गए। जिसमें वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण-IV (GRAP-IV) को लागू करने की घोषणा की गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने इस प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ऑनलाइन कक्षा की घोषणा की। डीयू ने 23 नवंबर तक और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने 22 नवंबर तक ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की जानकारी दी।
दिल्ली सरकार ने कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास की घोषणा की। आपको बता दें इससे पहले रविवार को सरकार ने कक्षा 10 और 12 में पढ़ने वाले छात्रों को छोड़कर सभी स्कूलों को ऑनलाइन शिक्षण मोड पर जाने का आदेश दिया था।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में सभी कर्मचारियों चाहे वे सरकारी हों या निजी, को सलाह दी गई कि वे अपने कार्यालयों में केवल 50% कर्मचारियों को ही बुलाएं बाकी लोग घर से काम करें।
दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए किए गए इंतजाम
दिल्ली की सड़कों पर प्रदूषण को कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है लेकिन इससे प्रदूषण में कोई कमी नजर आती दिख नहीं रही।
प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बयान
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वायु प्रदूषण की स्तिथि पर सोमवार 18 नवंबर 2024 दिल्ली सरकार से जवाब माँगा। सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से कहा प्रदूषण को कम करने के लिए पहले से कोई कदम उठाये क्यों नहीं गए? AQI के 300 अंक को पार करने का इंतज़ार क्यों किया? 300 से ज़्यादा AQI रीडिंग अमेरिकी पैमाने पर सबसे खराब, ख़तरनाक समझा जाता है।
उत्तर प्रदेश में मौसम और प्रदूषण अपडेट
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, उत्तर प्रदेश के पूर्वी पश्चिमी क्षेत्र के करीब 38 जिलों में देर रात या सुबह के वक्त कोहरा दिखाई देने की सम्भावना है। इसको लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी कि वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और शामली, मेरठ, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ के स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का आदेश दिया गया है।
यूपी के कई शहरों, विशेषकर बुलंदशहर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में AQI 301 से अधिक दर्ज किया गया, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि उत्तर प्रदेश के आगरा में देख पाना न के बराबर दर्ज किया गया। आगरा का ताजमहल लगभग एक सप्ताह से ज़हरीले धुंध की वजह से ढका हुआ है। यहां तक कि जो भी पर्यटक ताजमहल देखने हैं उनकी तस्वीरों से भी ताजमहल गायब नजर आया।
मध्य प्रदेश में मौसम और प्रदूषण अपडेट
मध्य प्रदेश में भी प्रदूषण का असर दिखाई दे रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एमपी के ग्वालियर जिले की हवा को सबसे खराब श्रेणी में रखा गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दीन दयाल नगर का एक्यूआई लेवल 354 दर्ज हुआ तो वहीं सिटी सेंटर का एक्यूआई 344, भोपाल का एक्यूआई 303, इंदौर में 208, उज्जैन में 175, और जबलपुर में 139 दर्ज किया गया।
बढ़ते प्रदूषण का क्या है कारण?
जानकारी के अनुसार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए वाहन, दिल्ली से सटे राज्य पंजाब व हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली, बड़ी उद्योग कंपनी से निकलने वाला धुआँ, पटाखें और धूल के कण इसका कारण है।
लोगों के लिए खतरा
वायु प्रदूषण का असर सबसे अधिक प्रभाव उन गरीब तबकों पर पड़ता है जिन्हें मजबूरन अपनी जीविका चलाने के लिए काम करना पड़ता है। इनमें अधिकतर दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर, रिक्शा चालक, बस्ती में रहने वाले लोग, छोटे दुकानदार शामिल होते हैं। ये लोग मजबूरन ऐसी जहरीली हवा में रहने को मजबूर हैं क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं है की वे अपने को सुरक्षित रखने के लिए साधन जुटा पाए। कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जिन्हें घर पर काम करने की अनुमति नहीं मिलती और वे भी इस प्रदूषण वाली हवा में रोजाना सफर करते हैं। रोजाना इस खतरनाक हवा को लोग साँस के जरिए अंदर लेते हैं जो आगे चलकर कोई बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है। जिनको पहले से ही साँस की बीमारी है उनके लिए ये हवा और खतरनाक है।
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