Assembly Elections 2018
पांच विधानसभा चुनाव के लोकतंत्र में जनता जनार्दन होती है। ये हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि पांच विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। तो सबसे पहले बात उस राज्य की जिसकी बात सब समाचार चैनलों में सबसे कम ही जी हां बात मिजोरम की। 40 विधानसभा सीट वाले इस राज्य में मिजो नेशनल फ्रंट यानी एमएनएफ ने 26 सीट पाई। कांग्रेस ने 5 और भाजपा ने 1 सीट जीती।
2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस राज्य में 34 सीटों पर जीती थी और उसकी राज्य में 10 साल से सरकार भी थी। मिजोरम के बाद हम बात करते हैं नये 119 विधानसभा सीट वाले राज्य तेलंगाना की। यहां तेलंगाना राष्ट्र समिति ने 88 सीट जीती तो वहीं कांग्रेस व सहयोगी 19 भाजपा 1 और निर्दलीय और अन्य 11। सीट पर जीते आपको बता दें कि के. चन्द्रशेखर राव ने इस राज्य की विधानसभा भंग कराकर छह महिने पहले चुनाव करने का निर्णय उनके हित में गया। अब बात करते हैं तीन हिन्दी भाषी राज्यों की तो सबसे पहले बात छत्तीसगढ़ से शुरु करते हैं।
यहां 90 विधानसभा सीट में कांग्रेस बहुमत के साथ 68 सीट पर जीती भाजपा 15 और बसपा, जनता कांग्रेस 7 सीट पर काबिज हुई। 15 साल से राज्य की सत्ता में राज करने वाली भाजपा के लिए ये बड़ी हार रही। राजस्थान की 200 सीटों में कांग्रेस 99 सीट पर वहीं भाजपा 73 सीट और बसपा 6 सीटों तो निर्दलीय और अन्य 21 विधानसभा सीट पर जीते। इसकी के साथ इस राज्य में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रुप में उभरी है।
हालांकि बहुमत से दूर होने के कारण अभी बहुमत हासिल करने के लिए बातचीत चल रही है। मध्य प्रदेश में चुनावी गिनती ने भाजपा और कांग्रेस की दिलों की धड़कनों को कई बार बढ़ाया। 230 विधानसभा सीट वाले इस राज्य में कांग्रेस 114 सीट पर जीती तो भाजपा 109 सीट पर बसपा के पास भी 2 सीट तो सपा के पास 1 और 4 सीट निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं।
कांग्रेस की ओर से कमलनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। अब देखना हैं कि आगे क्या राजनीति होती हैं। पांच राज्यां में हुए ये चुनाव बहुत खास थे क्योंकि कुछ महीने बाद ही सभी पाटियों को लोकसभा चुनाव का सामना करना है। इस चुनावों के जनाधार से जहां भाजपा होश में आई है। तो वहीं भारतीय राजनीति से गायब हो रही कांग्रेस के लिए ये नया जीवन है। साथ ही इन नतीजों से 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति भी तैयार होगी ।