खबर लहरिया Blog भाजपा के सांसदों के काम पर जनता ने दिये नंबर, कहा विकास भी ज़ीरो और नंबर भी…..| Lok Sabha Election 2024

भाजपा के सांसदों के काम पर जनता ने दिये नंबर, कहा विकास भी ज़ीरो और नंबर भी…..| Lok Sabha Election 2024

सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के सांसदों व उनके कार्यों को लेकर जनता ने अलग-अलग तरह से मूल्यांकन किया व उनके गांवो में हुए विकास के अनुसार उनके कामों को लेकर उन्हें नंबर दिए।

report card of BJP MPs of different states on their work during past five years,Lok Sabha Election 2024

लोकसभा चुनाव 2024: जनता सालों-साल प्रत्याशियों व उसने जुड़ी पार्टियों के कामों को देखती है। यह देखती है कि घोषणा-पत्रों और दरवाज़ों पर आकर जिन नेताओं ने उनकी मांगो को पूरा करने के वादे किये हैं, उसमें से कितना काम वह कर रही है और क्या नहीं कर रही। जनता सब देखती है, क्योंकि जनता ने ही अपने प्रतिनिधि के तौर सामने वाले व्यक्ति को खड़ा किया है जो खुद को लोगों का नेता व लोगों का कर्ता-धर्ता बताते हैं।

19 अप्रैल से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले चरण के मतदान शुरू हो जाएंगे। इससे पहले जानते हैं कि जनता के अनुसार उनके द्वारा चुने गए प्रतयाशी कौन-से पायदान पर हैं। अगर उनका रिपोर्ट कार्ड बनाया जाए तो वह कितने अंक प्राप्त करेंगे।

यहां परिणाम पास-फेल से ज़्यादा जनता का भरोसा और उनके इंतज़ार को लेकर होगा कि कौन जनता की परेशानियों को अहमियत दे रहे हैं और कौन बस हवाबाज़ी कर रहे हैं।

खबर लहरिया द्वारा शुरू किये गए “सांसद का रिपोर्ट कार्ड” में शामिल हैं बिहार के पाटलिपुत्र से सांसद रामकृपाल यादव, हमीरपुर-महोबा व तिंदवारी विधानसभा से सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह, बांदा-चित्रकूट के संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद आरके सिंह पटेल व पन्ना जिले के खजुराहो लोकसभा से सांसद विष्णुदत्त शर्मा।

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बांदा-चित्रकूट के संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद आरके सिंह पटेल

report card of BJP MPs of different states on their work during past five years,Lok Sabha Election 2024

                                                   बीजेपी से वर्तमान में सांसद आरके सिंह पटेल की तस्वीर ( फोटो साभार – गूगल)

बीजेपी से वर्तमान में सांसद आरके सिंह पटेल नाम स्थानीय क्षेत्रों से काफी चर्चित है जिसकी एक वजह उनका लंबे समय तक सांसद के पद पर बने रहना भी है।

सब्ज़ी विक्रेता संतोष कुमार निषाद से जब हमने उनके सांसद के बारे में पूछा कि वह अपने सांसद को उनके काम के लिए कितने नंबर देंगे तो उन्होंने कहा, पूरे 10 नंबर। आगे व्यंग कसते हुए कहा, “पूरे नंबर इसलिए दिए क्योंकि मोदी जी की सरकार, उनका सांसद है। विकास के नाम पर कुछ है नहीं, ज़ीरो है।”

“दो जनपद पाए हैं, बांदा और चित्रकूट। जब चित्रकूट से चलते हैं, नवाब टैंक पहुँचते हैं तो वहां ब्रेकर बना है, बड़ा-सा। वो ड्राइवर को बोलते हैं कि भैया जब बांदा आ जाए तो जगा देना। बस सीधे निकल जाते हैं। यहां क्या है, जनता की क्या परेशानी है, क्या हो रहा है, कोई भी देखने वाला नहीं है।”

“ऐसे सांसद को वोट देना चाहिए। चुनाव का समय है। प्रत्याशियों का मनोबल बढ़ाना चाहिए। जब प्रत्याशी नहीं होगा तो गांव को कोई प्रतिनिधि नहीं करेगा।”

फिर ताना मारते हुए कहा, “विकास ज़रूरी नहीं है, उनका विकास होना चाहिए।

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हमीरपुर,महोबा और तिंदवारी विधानसभा से सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह

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हमीरपुर,महोबा और तिंदवारी विधानसभा से भाजपा सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह ( फोटो साभार – गूगल)

भाजपा से कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल साल 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। यह दो बार हमीरपुर सीट से भाजपा की टिकट पर जीत चुके हैं। इन्होंने अपने विपक्ष में सपा प्रत्याशी दिलीप कुमार सिंह को भारी मतों से हराया था। बता दें, यह मूल रूप से महोबा के रहने वाले हैं।

जब खबर लहरिया इनके संसदीय क्षेत्र के गांवो में इनके काम का रिपोर्ट कार्ड लेने पहुंची तो कई लोगों ने यही कहा कि दो बार के सांसद लोगों के गांवो तक नहीं पहुंच पाए हैं।
बांदा जिले के मटौंध गांव के निवासी वृन्दावन कुशवाहा ने कहा, “हमने कभी विकास देखा ही नहीं। यहां विकास नाम की कोई चीज़ ही नहीं है। “( सड़क पर भरा गंदा नाले का पानी) उन्होंने रिपोर्ट बोर्ड पर लिखा, “हम कुछ देंगे।” और फिर X (क्रॉस) का निशान लगा दिया। मतलब वह उन्हें कोई भी नंबर नहीं देना चाहते।

अन्य व्यक्ति मूलचदं ने ज़ीरो नंबर देते हुए कहा, “गांव में न तो सड़क है और न ही कोई व्यवस्था।”

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पन्ना जिले के खजुराहो लोकसभा से सांसद विष्णुदत्त शर्मा

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                                               पन्ना जिले के खजुराहो लोकसभा से सांसद विष्णुदत्त शर्मा ( फोटो साभार – गूगल)

विष्णुदत्त शर्मा (Vishnudutt Sharma) भाजपा के खजुराहो विधानसभा से सांसद (MP Khajuraho) होने के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

पन्ना जिले के नरेश अहिरवार अपने सांसद को उनके काम के ज़ीरो नंबर देते हैं। “हम ज़ीरो नंबर देंगे। हमसे कहा जाता है कि दो महीने-तीन महीने में रोड बन जाएगा फिर एक साल बीत गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जब तक हमारा विकास नहीं होगा। हम कुछ नहीं कहेंगे उनको। “

रामदास रैकवार कहते, “ यह टूरिस्ट प्लेस है। यहां न मेडिकल है न बैंक। जो यहां होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने सांसद को 10 में से 9 नंबर दिए।

आशा कार्यकर्ता सुमन यादव ने 10 में से 10 नंबर दिए। कहा, जो विकास हुआ है उन्हीं की वजह से हुआ है।

बता दें, Population Census 2011 की रिपोर्ट के अनुसार, खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का एक नगर पंचायत शहर है। खजुराहो शहर को 15 वार्डों में विभाजित किया गया है। 2011 में हुई भारत की जनगणना के अनुसार, खजुराहो नगर पंचायत की जनसंख्या 24,481 है, जिसमें 12,962 पुरुष हैं वहीं 11,519 महिलाएं हैं। खजुराहो (एनपी) में अनुसूचित जाति (एससी) 15.67% है जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) कुल जनसंख्या का 2.14% है।

बिहार के पाटलिपुत्र से सांसद रामकृपाल यादव

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बिहार के पाटलिपुत्र से सांसद रामकृपाल यादव

रामकृपाल यादव, बिहार के पाटलिपुत्र से भाजपा के सांसद हैं। वह 2014 में भाजपा में शामिल हुए। इससे पहले वह लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य थे।

पटना जिले के गांव सिलारपुर के ऋतुराज कुमार अपने सांसद को नंबर देते हुए कहते हैं, “नंबर तो माइनस से भी नीचे देना चाहते हैं पर अभी के लिए ज़ीरो।”

आगे कहा, “नेताओं को रूरल क्षेत्र में ज़्यादा ध्यान देना चाहिए, स्कूल हो गया, शिक्षा हो गया, या अन्य कोई चीज़ की बात की जाए तो सब चीज़ में हम शून्य हैं इसलिए नेताजी को नंबर भी शून्य। इलाका पिछड़ा हुआ है, समाज में पिछड़ी कही जाने वाली जाति यहां रहती है। कोई सुविधा नहीं है। पुल नहीं है, सड़क नहीं है, बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे। यह सब सोचने की उनमें क्षमता नहीं है।

“हम उन्हें वोट नहीं देना चाहते। वह अपने पद की गरिमा नहीं रख पा रहे हैं।”

हर व्यक्ति की अपने सांसद से यही शिकायत रही कि बार-बार कहने के बावजूद भी विकास के नाम पर उनके गांवो में कुछ भी नहीं कराया गया। सड़क,रोज़गार,स्कूल, स्वास्थ्य जो लोगों के जीवन की मूलभूत सुविधाओं में से एक हैं, वह चीज़ें भी उनके पास, उनके क्षेत्र में नहीं है।

एक महिला ने यह भी कहा, “जब-जब वोट देते हैं, कुछ बनता ही नहीं है।”

जब जनता की ज़रूरतों को पूरा ही नहीं किया जा रहा, उन्हें मूल सुविधाएं भी कई कार्यकालों के बाद मुहैया नहीं कराई जा रही है तो ज़ाहिर है कि जनता उन्हें शून्य ही देगी, जैसा कि हमने इस आर्टिकल में देखा।

ऐसे में जनता के मन में यह भी सवाल है कि अगर इन्हें भी वोट नहीं दिया तो कौन उनके लिए काम करेगा? उनके पास विकल्प के रूप में और कौन हैं जो वे प्रतिनिधि के रूप में अपने लिए चुन सकते हैं? फिलहाल तो सांसदों के रिपोर्ट कार्ड का नंबर भी ज़ीरो और विकास का नंबर भी ज़ीरो निकलकर सामने आया।

इसके अलावा यहां भाजपा के सांसदों का रिपोर्ट तैयार करने के पीछे एक वजह यह भी है कि भाजपा वर्तमान में सत्तारूढ़ पार्टी है। पिछली लोकसभा में भी भाजपा को बहुमत से जीत मिली थी और इस साल भी हवा का रुख भाजपा पार्टी की तरफ ही दिख रहा है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि जो हवा बह रही है या बहाई जा रही है, उसका ज़मीनी सच क्या है और उस सच के बारे में जनता क्या कह रही है।

 

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