खबर लहरिया क्षेत्रीय इतिहास चंदेल मंदिर के इतिहास व कलाकृति के अवशेष | World Tourism Day

चंदेल मंदिर के इतिहास व कलाकृति के अवशेष | World Tourism Day

Chandel temple: चित्रकूट जिले के रामनगर ब्लॉक में चंदेल कालीन का विशाल मंदिर बसा हुआ है लेकिन इस समय इस विशाल मंदिर के यहां सिर्फ अवशेष ही रह गए हैं। इस मंदिर का निर्माण एक बड़े से तालाब के किनारे किया गया है। तालाब कमल के फूल व जीव-जंतुओं से भरा हुआ है। मंदिर की दिशा से जब तालाब को देखा जाये तो उसकी खूबसूरती अलग ही लगती है।

मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक जैन प्रतिमा और एक पेड़ के नीचे चबूतरे पर कई देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां रखी हुई हैं। यह खंडित मूर्तियां आपको मंदिर के परिसर में आपको हर जगह देखने को मिल जाएगी।

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मंदिर के बीचों-बीच एक मंडप आठ स्तंभों की मदद से बना हुआ है। आप अगर मंडप में जाएंगे तो वहां आपको शिवलिंग दिखाई पड़ेगा जिसकी लोग आज भी पूजा करते हैं। मंडप के बाहर भगवान नंदी की एक प्रतिमा भी बनी हुई है।

मंदिर के परिसर में लगा बोर्ड कहता है कि मंदिर के स्तंभ और चित्रकलाएं चंदेल कालीन शिल्प कला के प्रत्यक्ष होने का प्रमाण है।

आप यहां किसी भी मौसम में घूमने आ सकते हैं और मंदिर में जाने के लिए कोई टिकट भी नहीं है। यहां के लोगों का कहना है कि शाम के समय मंदिर का नज़ारा अद्भुत होता है। शाम को मंदिर में बैठकर तालाब की तरफ देखकर ढलते सूरज को देखना आनंद से भर देता है। लोग यहां अपने मन की शांति के लिए भी आते हैं।

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