बिहार की पार्टी CPI-ML के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया बिहार में वोटिंग के अधिकार की लड़ाई का इतिहास। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में लड़ाई ही ज़िन्दगी क्यों है। दीपांकर पिछले 25 सालों से बिहार की CPI- ML के महासचिव हैं। इस बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन दूसरे वामपंथी दलों के साथ भारत ब्लॉक के गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। पार्टी इस बार लगभग 24 जिलों में उम्मीदवार उतारने की योजना बना रही है, जबकि पिछले चुनाव में यह संख्या महज़ 12 जिले थी। CPI-ML ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में 19 सीटों पर चुनाव लड़कर 12 सीटें जीतीं, जिससे यह राज्य की पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी बन गई। ये बहुत सालों बाद इस पार्टी का बेहतरीन प्रदर्शन रहा था। देखिये पूरा एपिसोड आज 3 बजे।
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