उत्तर प्रदेश बांदा जिला के तिंदवारी ब्लॉक के सिंघौल गांव के लोगों का आरोप है कि बारिश के कारण गरीब लोगों के मकान ढक गए हैं अब इन लोगों के दुसरा कोई रहने के लिए मकान नहीं है अब खुले आसमान के नीचे पन्नी डालकर करेंने के लिए मजबूर है लोगों की मांग है कि अगर हम गरीब बेसहारा है तो हमको सरकार क्यों नहीं ध्यान देती है |
सरकार के जो वादा है कि हर गरीब को प्रधानमंत्री आवास दिया जाए पर गरीब असहाय बेसहारा लोग हैं उन लोगों के रहने के लिए मकान भी नहीं है और इस तरह की बारिश में जो कच्चे मकान बने हुए थे वह भी ढक गए हैं लोगों की मांग है कि कई बार हमने प्रधान से मांग की है कि हमको प्रधानमंत्री आवास दिया जाए फिर भी प्रधान गरीब बेसहारा लोगों को कोई ध्यान नहीं दिया है जहाँ पर हकीकत में देखा है कि गरीब बेसहारा महिलाएं हैं उनके रहने के लिए कोई पक्का मकान नहीं है जो कच्चे मकान थे वह बारिश के कारण ढक गए हैं |
अब वह रहने के लिए मजबूर है इसलिए उन लोगों को मजबूरी में पानी डालकर खुले आसमान के नीचे बसर गुजारा कर रही हैं गरीबों का लाभ बड़े कष्टों के लोग उठाते हैं जिनके पास ₹10000 है उन्हीं को प्रधानमंत्री आवास दिया जाता है सिंघौल प्रधान आलोक नाथ विश्वकर्मा का कहना है कि 2011 के सूची में इन लोगों के नाम है जब आवास आएगा तो जरूर आवाज लोगों को दिया जाएगा