फिलिपींस की राजधानी मनीला में 9 सितंबर के दिन दिया जाएगा सम्मान।
एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार, पांच अन्य रेमन मैग्सेसे वर्ष 2019 सम्मान विजेताओं में से एक हैं। जो फाऊंडेशन यह सम्मान देती है, उसने शुक्रवार को यह घोषणा की। सम्मान 9 सितंबर को फिलिपींस की राजधानी मनीला में दिया जाएगा।
एनडीटीवी के ‘इंडियाज़ प्राइम टाईम शो’ के एंकर रवीश कुमार को ‘बेजुबानों की आवाज सामने लाने के लिए सम्मान दिया जा रहा है।’ रेमन मैग्सेसे अवार्ड फाउंडेशन ने बताया। फाउंडेशन ने बताया ‘कुमार को इसलिए अलग से पहचाना गया क्योंकि वह अपने पत्रकारिता के पेशे पर प्रतिबद्ध रहे। उनकी अडिग प्रतिबद्धता ने पत्रकारिता के लिए बहुत ऊंचे आयाम स्थापित कर दिए हैं। उनकी सच्चाई, अखंडता, स्तंत्रता और आजादी के हक़ के साथ खड़े रहने के नैतिक साहस और बेजुबानों की आवाज़ को सम्मान सहित उपर तक पहुंचाने के साहस के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। विश्व के श्रेष्ठ लोकतंत्र में ईमानदार पत्रकारिता की यही जिम्मेदारी है।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार की स्थापना 1957 में किसी व्यक्ति को शासन में अखंडता बनाए हुए लोगों के प्रति साहसपूर्ण सेवा और व्यक्तिगत स्तर पर प्रजातांत्रिक व्यवस्था में व्यवहारिक आदर्शवाद बनाए रखने पर सम्मान देने के लिए हुई थी।
इस बार के अन्य सम्मान विजेता म्यांमार के पत्रकार को स्वी विन, थाईलैंड में अधिकारों के लिए काम करने वाले एंखाना निलापाईजित, उत्तरी कोरिया के अधिकारों के लिए काम करने वाले किम जोंग-की और फिलीपानो संगीतकार रेमुन्डो पुजान्ते हैं।
‘सभ्य, शांत और संपूर्ण जानकारी सहित!’
सम्मान की साईटेशन में फाउंडेशन की ओर से कहा गया है, न्यूज़ एंकर के तौर पर रवीश कुमार अपने शो में मेहमानों पर अपने विचार ना थोप कर उन्हें बोलने का, अपनी बात कहने का समय देते हैं। फाउंडेशन ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि रवीश कुमार को मानसिक स्तर पर ‘विक्षिप्त’ कह कर परेशान किया गया और प्रताड़ित भी किया गया क्योंकि वह बड़े अधिकारियों और सरकार तक की आलोचना करने में संकोच नहीं करते।
रवीश कुमार ‘सभ्य, शांत और संपूर्ण जानकारी सहित’ तथा ‘वह भारत के टेलीविजन पत्रकारों में सर्वाधिक प्रभावशाली हैं।’ फाउंडेशन ने कहा। ‘वह धमकियों के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण आवाज़ है। वह स्वतंत्र और जिम्मेदार मीडिया है जिसे भारत पिछले कुछ वर्षों से देख रहा है।’ फाउंडेशन ने अपनी बात में यह भी कहा।
‘रवीश की अन्य महत्वपूर्ण विशिष्टताएं… जिस तरह वह पत्रकारिता करते हैं, उससे पता लगती हैं।’ ऐसा साईटेशन में कहा है। ‘पत्रकारिता के माहौल में जिस राज्य से जुड़ा मामला हो वह धमकाता है, बहुत बुरी धमकियां दी जाती हैं, उन्हें ट्रोल (भला-बुरा कहा जाता है) और फेक-न्यूज़ के पैरोकार तथा जहां मीडिया से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्तियों पर मार्केट रेटिंग का मुकाबला ड़ाल दिया गया है, जहां चारों ओर से दर्शकों ने घेर रखा हो, वहां अलग तरह का माहौल हो, जो सनसनी फैलाने का काम कर रहे हों वहां भी रवीश कुमार शांत रहते हुए बेबाक अपनी बात कहने और व्यवहारिक स्तर पर एक बेहतरीन पेशेवर पत्रकार की तरह शांत-संतुलित और सच्चाई पर आधारित पत्रकारिता को निऱतर अभ्यास से सही ठहरा दिया है।
साईटेशन में यह भी कहा गया है: ‘रवीश बहुत आसानी से गरीबों से बातचीत कर लेते हैं, वह बड़े पैमाने पर यात्रा करते हैं जिससे लोगों से संपर्क में रहते हैं। वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं इस तरह वह आम लोगों के संपर्क में रहते हैं ऐसा करते हुए वह आम लोगों के बीच से अपने कार्यक्रम के लिए उन लोगों की कहानियां उठाते हैं।
फाउंडेशन ने रवीश कुमार के वर्ष 2016 के ‘प्राईम टाईम’ के एक एपीसोड के बारे में कहा है वह जनता के किसी गंभीर मुद्दे को ले कर मीडिया में बात कर रहे थे। रवीश के लिए यह हमेशा संदेश पहुंचाने की बात होती है, उन्होंने वह शांती से पहुंचा दिया।’ साईटेशन में कहा गया है।
Transalated from : https://scroll.in/latest/932572/journalist-ravish-kumar-wins-ramon-magsaysay-award-for-2019