मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने पुरुष बलात्कार को अपराध बनाने वाली याचिका को ये करते हुए खारिज कर दिया कि न्यायालय इस याचिका पर सुनवाई की नहीं करना चाहता है। याचिका में पुरुषों के साथ होने वाले बलात्कार को अपराध घोषित करने की मांग की गई, जिस पर अदालत ने कहा कि अभी यह मुद्दा महत्वपूर्ण नहीं है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह मुद्दा संसद के दायरे में आता है। देश में कानून बनाना और अपराध की पहचान करना और दंड देना विधायिका का काम है।
ये याचिका वापस लेने की मांग पर न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि उनका आदेश स्पष्ट था कि बेंच इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार नहीं है पर इसका मतलब यह नहीं है कि याचिका में कोई योग्यता नहीं थी अथवा भविष्य में इसपर सुनवाई नहीं हो सकती है। यह याचिका क्रिमिनल जस्टिस सोसाइटी ऑफ इंडिया की तरफ से दायर की गई थी गया था।