जिला महोबा ब्लॉक जैतपुर कस्बा कुलपहाड़ में रहने वाले राकेश कुमार सोनी दस सालों से थर्माकोल पर दूल्हे और दुल्हन के नाम लिखने का काम कर रहे हैं। इससे पहले वह पेंटिंग का काम किया करते थे। वह बताते हैं कि शादियों के मौसम में वह सैकड़ों दिल बनाकर तैयार करते हैं। क्वालिटी के हिसाब से उन्हें अलग-अलग दाम मिलते हैं। लेकिन महामारी की वजह से इस साल वह गिने-चुने दिल ही बना पाए हैं।
वह कहते हैं कि उन्हें यह काम करने में बेहद अच्छा लगता है। वह बाज़ार से थर्माकोल, किरकिरे,चमकीले खरीद कर लाते और दूल्हा-दुल्हन का दिल में नाम लिखते। जिसे लोग गाड़ी और शीशे पर लगते हैं। जिसे सब देखतें और पढ़ते हैं। वह बताते हैं कि लगभग दो सालों से उन्हें कोई काम नहीं मिला है। वह कहते हैं कि कलाकारों को काम मिलना ज़रूरी है क्योंकि वह अपनी कला पर ही निर्भर रहते हैं।
अब लोग चुपके-चुपके शादियाँ करवाते हैं इसलिए दिल नहीं बनवाते। पहले वह शादियों में जाते थे। लड़की वाले के यहां दीवार लेखन करते थे। दीवार लेखन में भी दिल बनाते थे और दिल में नाम लिखते थे। इतना ही नहीं किसी का बर्थडे हो या फंक्शन। उसमें भी वह दिल बनाकर नाम लिखते थे। इसी से उनकी रोज़ी-रोटी चलती थी। अलग-अलग जिलों और गांवो में उनके द्वारा बनाए हुए दिल जाते थे। पहले वह पूरा दिन यही काम करते थे। उन्होंने यह काम करना खुद से ही सीखा। लेकिन अब उनके पास करने के लिए कुछ नहीं है।
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