यूपी के रायबरेली जिले में एक दलित युवक की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना उंचाहार थाना क्षेत्र की है। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। इस मामले में अब तक पांच आरोपी गिरफ़्तार किए गए हैं।
दलितों पर अत्याचार के मामले पर पहले से नंबर एक पर बने उत्तर प्रदेश में अब भी अत्याचार कम होने के बजाए और बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के रायबरेली से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक दलित युवक हरिओम की हत्या बेल्ट-डंडे से पीट-पीटकर कर दी गई। मगर यह हत्या अब देशभर में चर्चा का विषय और राजनीति का एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
रायबरेली में 2 अक्टूबर 2025 को एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। तब कहा गया था कि युवक ड्रोन चोर था। 2 अक्टूबर को ही युवक को पीटने और लाश के वीडियो भी सामने आए थे। इसके बाद 4 अक्टूबर को एक और वीडियो सामने आया। दरअसल हरिओम 2 अक्टूबर को अपनी पत्नी से मिलने जा रहा था और रास्ते में कुछ लोगों ने उसे नया चेहरा होने पर उसे “ड्रोन चोर” समझ लिया। लोगों की भीड़ ने उसके कपड़े उतारे, उसे खंभे से बांधा और पीट – पीट कर उसे मरने के लिए छोड़ दिया।
भीड़ द्वारा उसे मारे जाने का वीडियो चंद्रशेरखर आज़ाद ने अपने x अकाउंट पर शेयर किया है। जिसमे कई लोग उसे पकड़े हुए हैं और कह रहे हैं कि सही सही बता दो कि कहाँ से हो? हरिओम वाल्मीकि को मेन्टल हेल्थ इश्यूज थे जिसकी वजह से उसे जवाब देने में कठिनाई होती थी।
हरिओम का सही से जवाब न देना पाना भी एक कारण बन गया क्यूंकि लोगों को लगा वो झूट बोल रहा है। वीडियो में मृतक राहुल गाँधी का नाम लेता है और भीड़ कहती है हम तो बाबा के लोग हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ हुआ है कि मौत तो भीड़ की पिटाई से ही हुई।
जानकारी के लिए बता दें खबर लहरिया इस मुद्दे पर लगातार रिपोर्टिंग कर रहा है। हम खुद 2 से 3 ऐसे मामले सामने लाए हैं, जिनमें मानसिक स्वास्थ्य की समस्या वाले लोगों को भीड़ ने “चोर” समझकर मार दिया या नया चेहरा दिखने में भीड़ ने किसी को घेर लिया। एक नाबालिक लड़का जो अपने नानी के घर जा रहा था भीड़ ने उसे मारा और एक मानसिक रूप से अस्वस्थ आदमी जो नदी में बह कर दूसरे गांव पहुंच गया उसे भीड़ ने चोर समझकर मारा, पुलिस जब उसे लेने आयी तो दरोगा उसे अपनी बाइक में बैठा कर ले जाने की कोशिश करता रहा और भीड़ उसे पीछे से खींचती रही। दोनों बेहद गरीब परिवार से हैं और इनके पास उनके इलाज तक का पैसा नहीं है। लोग फेरीवालों तक को शक की नजर से देख रहे हैं जिसकी वजह से लोग काम के लिए भी घर से बाहर जाने से डर रहे हैं।
अब तक पांच आरोपी गिरफ़्तार
इस पूरी घटना को लेकर वहां के पुलिस ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो युवक खून से लथपथ पड़ा हुआ था और वह मर चुका था। पुलिस ने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि सुबह ग्रामीणों को मृतक का शव रेलवे ट्रैक के पास दिखा था। इस पूरी घटना के बाद तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है। वहीं अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि हत्या का मामला दर्ज कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि बाकी आरोपियों की पहचान कर उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने बताया कि फतेहपुर जिले के रहने वाले हरिओम की रायबरेली जिले के ऊंचाहार कस्बा स्थित नई बस्ती में ससुराल है और उसकी पत्नी पिंकी एनटीपीसी स्थित एसबीआई की शाखा में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है।
कांग्रेस में इस घटना की निंदा की
हरीओम ने मरते वक्त राहुल गांधी का नाम लिया था तो भीड़ ने कहा हम बाबा वाले हैं। इस घटना पर लोकसभा नेताप्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट से खेद जताया। उन्होंने कहा है कि “रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की निर्मम हत्या इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या है। देश में नफ़रत, हिंसा और भीड़तंत्र को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है जहां संविधान की जगह बुलडोज़र ने ले ली है।”
राहुल गांधी ने आगे कहा “आज भारत में दलित, आदिवासी, मुसलमान, पिछड़े और गरीब – हर उस व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है जिसकी आवाज कमजोर है, जिसकी हिस्सेदारी छीनी जा रही है और जिसकी ज़िंदगी सस्ती समझी जा रही है। मैं हरिओम के परिवार के साथ खड़ा हूँ। उन्हें न्याय जरुर मिलेगा।”
रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की निर्मम हत्या सिर्फ़ एक इंसान की नहीं – इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या है।
आज भारत में दलित, आदिवासी, मुसलमान, पिछड़े और ग़रीब – हर उस व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है, जिसकी आवाज़ कमजोर है, जिसकी हिस्सेदारी छीनी जा रही है, और जिसकी… pic.twitter.com/V0KtN4CHAQ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 7, 2025
कांग्रेस ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है “हमारे देश का संविधान हर इंसान को समान अधिकार देता है। जो रायबरेली में हुआ, वो संविधान के खिलाफ है, दलित समुदाय के खिलाफ है और समाज के लिए शर्मनाक है।”
रायबरेली में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या करने की खबर बेहद दुखद है। शोकाकुल परिजनों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।
वीडियो में दलित युवक आखिरी उम्मीद के तौर पर जब नेता विपक्ष श्री राहुल गांधी का नाम लेता है, हत्यारे तब भी नहीं रुकते और उल्टा कहते हैं कि- ‘हम ‘बाबा’ वाले हैं।’
ये…
— Congress (@INCIndia) October 5, 2025
इस घटना पर सपा सांसद ने कहा
सपा (समाजवादी पार्टी) सांसद ने कहा कि जब से केंद्र और उत्तर प्रदेश में बीजेपी सत्ता में आई है कानून का राज खत्म हो गया है और जंगल राज कायम है। दलितों पर अत्याचार और हत्याएं बड़े पैमाने पर हो रही हैं। अगर आजादी से लेकर अब तक के आंकड़े जुटाए जाएं तो दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार बीजेपी राज में हुए हैं। गांव-गांव इस तरह की वारदातें हो रहीं हैं पुलिस और कानून कुछ नहीं कर पा रहा।
मृतक हरिओम के परिवार ने क्या कहा
पत्नी पिंकी कहती हैं, “मेरे पति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। जो मेरे पति के साथ हुआ वही उन लोगों के साथ भी होना चाहिए जिन्होंने उन्हें पीट-पीटकर मार डाला। मुझे सरकार से मदद चाहिए। मेरी एक बेटी है। वहीं मृतक हरिओम वाल्मीकि के पिता बोले कि मेरे बेटे की हत्या कर दी गई। हमें 2 अक्टूबर को सूचना मिली। हमारी मांग है कि हत्यारों को मौत की सजा दी जाए और उनके घरों को बुलडोजर से गिरा दिया जाए। जबकि मृतक की बहन ने बताया कि हमें 2 तारीख को सूचना मिली। 2 तारीख को मैं अस्पताल में थी जब मेरी भाभी ने सुबह मुझे फोन किया। उन्होंने बताया कि मेरे भाई को एक जगह बांधकर पीटा जा रहा है मेरे भाई चोर नहीं थे। दैनिक भास्कर के एक रिपोर्टिंग के अनुसार हरिओम के परिवार ने कहा कि पुलिस ने खुद ही हरिओम को भीड़ के हवाले किया था! युवक बार बार कहता रहा मै चोर नहीं हूं लेकिन भीड़ ने खुद को ही कानून मान लिया और फिर अधमरा कर रेलवे ट्रैक के किनारे फेंक दिया।
#WATCH | Raebareli, UP | Wife of the victim, Pinky says, “…My husband was beaten to death. Whatever happened to my husband, the same should happen to those who beat him to death… I need help from the government. I have a daughter…Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi… https://t.co/pQ5I0dDOFF pic.twitter.com/0W5GHUzuoQ
— ANI (@ANI) October 6, 2025
ये घटना मौबलिंचिन के बढ़ते घटना के पैटर्न पर गंभीर सवाल खड़ी करती है। जहां भीड़ एक अफ़वाह का शिकार होता है, उसे लगता है कि वे क़ानून को हाथ में लेकर न्याय कर सकता है। ये उस ग़ुस्से पर भी सवाल खड़ा करता है जो राजनीतिक मतभेद से आगे बढ़ कर नफ़रत और ग़ुस्से के रूप में आम लोगों के भीतर पनप रहा है। दलितों के खिलाफ अपराध के नंबर एक में रहने वाली उत्तर प्रदेश के मुखिया यहां पर भी बुलडोज़र वाली राजनीति करेंगे?
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