एक समय देश में चौकीदार शब्द को लेकर काफी बबाल हुआ था. लोग एक दुसरे में ही मै भी चौकीदार हूँ और चौकीदार चोर है की होड़ लग गई थी. कितनो ने अपने नाम के आगे चौकीदार जोड़ लिया था लेकिन असल चौकीदार कि हालत पर किसी की नज़र नहीं थी. अपने दिल का दर्द जब उन्होंने बयां की तो उनका आक्रोश साफ दिख रहा था. बांदा जिले के नरैनी तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव के चौकीदारों में वेतन न बढ़ने से बहुत ही गुस्सा है। उनलोगों का कहना कि उन्हे काम तो कई तरह के सौपे जाते हैं पर वेतन नहीं बढ़या जाता। कई बार तो उन्हे गलत तरीके से भी फसा दिया जाता है।कई बार मांग करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. जबकि जिलाधिकारी के अनुसार उन्हें इस बात का पता ही नहीं है.