क्वारेनटीन के साइडइफेक्ट! क्वारेनटीन किसान की फसल खराब :जिला चित्रकूट ब्लाक मऊ गांव सेमरा वहां के मुरलीधर पाठक को क्वारेनटीन में ले गए जांच के लिए इस कारण से उनके परिवार से गांव के लोग छुआछूत मानते हैं इस तरह से बोलते हैं कि पहले वह पानी भर ले इसके बाद भरना सिर्फ जांच के लिए ले ले गए हैं क्वारेनटीन मे गांव के ही लोग सामने में बोलते रहते हैं उनको नहीं छूना है इस कारण से एक तरह से तो छुआछूत के बीमारी है पर सिर्फ जांच के लाने ले गए हैं इस कारण से भी इस तरह से गांव में स्थिति बनी हुई है जो गांव के लोग दूध लेते थे वह भी छुआछूत मानते थे उस समय दूध बंद कर दिए गए थे कि इनके घर पर बीमारी हैं पर ऐसा बीमारी नहीं था अब तो जांच हो गई है कुछ नहीं निकला है इसी कारण से मुरलीधर पाठक के कुछ बटाईदार किसान किसान भी बोल रहे हैं कि हमारे किसान को सिर्फ शंका बस जांच के लाने करण टाइम में ले गए हैं इसी कारण से हमारी फसल भी कुछ खराब हो गई है क्योंकि हिसाब किताब सब उन्हीं के पास है इस कारण से हम गेहूं नहीं कतर बताएं पूरा भीग के सड़ रहा है जो कुछ महिला हरियाणा में ईटा भट्ठा में काम करती थी वह भी पैदल आए और करण टाइम में 14 दिन पॉलिटेक्निक कॉलेज में रहे उनका कहना है कि वहां भी शुरुआत में इस तरह से छुआछूत मानते थे कि दूरी से खाना फेंकते रहे और एक साथ बैठने नहीं देते रहें गोला बनाकर रात में लेट आते थे खाने तो दूरी से फेंक देते रहे तो हम लोग खा लेते थे क्योंकि हमारा पेट भूखे के मारा जल रहा था इस तरह से फिर जब गांव में वापस आए हैं तो अभी भी हम किसी को नहीं छू रहे हैं सिर्फ अपने घर पर ही रह रहे हैं कुछ दूरी के लोग छूट मानते थे किन को नहीं छूना पर अपने घर के लोग नहीं मानते थे जबकि हमारी पूरी जांच हो गई है 14 दिन करंट टाइम में रहे हैं इस तरह से करोना वायरस के बीमारी के कारण जांच के लिए ही जाओ इस तरह से छुआछूत मानते हैं लोग गांव में तो छुआछूत से पहले से ही लोग मानते थे और जब से यह बीमारी हो गई तब से लोग और एक दूसरे को नहीं छू रहे हैं इस तरह की स्थितियां हैं