जिला वाराणसी ब्लाक चिरईगांव के ग्राम पंचायत सथवाँ में लगभग तीन महीनों से सामुदायिक शौचालय का काम अधूरा पड़ा हुआ है। लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। लोगों की सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द शौचालय का काम पूरा करवाया जाए।
गांव के लोगो का कहना है कि उनके गांव की आबादी लगभग दो हज़ार की है। शौचालय ना होने पर मज़बूरन खुले में जाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि यूं तो सरकार कहती है कि शौचालय बनवाने के लिए सभी लोगों को 12 हज़ार रुपए दिए जाएंगे। लेकिन गांव के प्रधान द्वारा उन्हें 10 हज़ार रुपए भी सही से नहीं दिए जाते।
लोगों का कहना है कि शौचालय की सिर्फ बाहर से दीवार खड़ी कर दी गयी है लेकिन शौच के लिए ना तो अंदर कोई गड्ढा खोदा गया है और ना ही कोई व्यवस्था बनाई गयी है।
शिकायत करने पर भी उनकी कोई सुनने वाला नहीं होता।
गांव के प्रधान राजू का कहना है कि उनके द्वारा अभी तक सामुदायिक शौचालय के काम मे ढाई लाख रुपए तक लग चुके हैं। बाकी के अधूरे काम को पूरा करवाने के लिए वह बजट का इंतज़ार कर रहे हैं। साथ ही काम को जल्दी पूरा करवाने के लिए प्रशासन से भी बात की गयी है। लेकिन सवाल यह आता है कि ढाई लाख रुपये सिर्फ दीवार बनाने में ही कैसे खर्च हो सकते हैं?
मुख्य विकास अधिकारीमधुसूदन हुगली का कहना है कि
सामुदायिक शौचालय का काम भारत सरकार की योजना मनरेगा के तहत करवाया जा रहा है। जहां तक बात रही बजट की तो वह पूरा आ चुका है। कुछ भी बकाया नहीं है। अगर बजट में बाकी जैसा कुछ है तो उनके तरफ से इस मामले की जांच करवाई जाएगी।
मुख्य विकास अधिकारी के अनुसार बजट आ चुका है, वहीं प्रधान के अनुसार बजट का आना बाकी है। दोनों की ही बातों में काफ़ी अंतर है। तो यहां किसके द्वारा क्या छुपाने की कोशिश की जा रही है, ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा।