पुलवामा हमला : जम्मू-कश्मीर में हुए सबसे घातक आतंकी हमले में गुरुवार को सीआरपीएफ के कम से कम 37 जवान मारे गए हैं। जिसके साथ पांच की घायल होने की खबर भी सामने आई है।
बताया जा रहा है कि जवानों से सवार बस जब पुलवामा जिले से गुज़र रही थी तभी एक जैश आत्मघाती हमलावर ने 100 किलोग्राम विस्फोट के साथ उस पर एक वहन से हमला कर दिया था।
दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय ने देर रात एक बयान जारी किया, जिसमें सीआरपीएफ अधिकारियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों ने बताया कि मरने वालों की संख्या 39 है।
सीआरपीएफ के बयान के अनुसार घायलों का इलाज श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल में किया जा रहा है।
सीआरपीएफ़ अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के आतंकी समूह ने श्रीनगर से करीब 20 किलोमीटर दूर हुए हमले की जिम्मेदारी खुद से ली है।
पुलिस ने आत्मघाती हमलावर की पहचान आदिल अहमद के रूप में की, जो साल 2018 में जैश समूह का हिस्सा बना था।
उन्होंने कहा कि वह सड़क के गलत हिस्से में 100 किलो से अधिक विस्फोटक से भरे वाहन को चला रहा था और बस से टकरा गया, जिसमें लगभग 39-44 जवान सवार थे।
एक वरिष्ठ सुरक्षा प्रतिष्ठान के अधिकारी ने बताया कि शवों को टुकड़े हो जाने के कारण डॉक्टरों को उनकी संख्या के बारे में बताने में मुश्किल हो रही है।
जिस बस पर हमला किया गया, वह बल की 76वीं बटालियन की थी।
सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर ने बताया कि यह एक बड़ा काफिला था और लगभग 2,500 कर्मचारी कई वाहनों में यात्रा कर रहे थे। बताया जा रहा है कि बाकी मौजूद जवानों की गाड़ी पर भी गोलियों से वार किया गया था।
सूत्रों से पता चला है कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति शुक्रवार सुबह जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने के लिए बैठक भी करेगी।
इस खबर के सामने आते ही राजनीतिक नेताओं से लेकर देश की पूरी जनता ने इस हमले की निंदा की और मारे गये जवानों के प्रति अपना शोक जताया।