वाराणसी जिले में ग्रामीणों के सहयोग से पुलिया बनी
अभी हाल में अगस्त 2919 में ही वाराणसी जिले के कई इलाकों में भयंकर बाढ़ से लोग प्रभावित हुए थे | गंगा का पानी तेजी से बढ़ा था बाढ़ के पानी से सबसे ज़्यादा दिक्कत कच्चे मकान में रहने वालो को बनी हुई थी क्यूंकि इनके घरो में पानी घुस गया था और लोग अपने घर से बेघर भी हुए थे, यहाँ तक की विद्यालय में भी पानी भर गया था जिसके वजह से बच्चों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ी थी बच्चों की पढ़ाई की भी बर्बादी हुई है|
ग्रामीणों को आने-जाने के लिए रास्ता भी नहीं है गाँव ढ़ाबा में एक पुलिया है जो चार गाँव को जोड़ता है| मोकलपुर, गोबरहा रामपुर, रामचन्दीपुर, पूर्वा तुडी नखवा लेकिन इस पुलिया की हालत अभी तक बहुत ही खराब पड़ी है| जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में काफी दिक्कत का समना करना पड़ रहा है, पुलिया के ऊपर ग्रामीणों ने मिलरकर एक पटरा डाला हुआ है हलाकि इस समय पानी का सोत्र कम है इस वजह से लोग उस पुलिया को पार कर एक पार से दूसरे पार जा पा रहे है| लेकिन आने वाले समय में लोगों को एक डर का माहौल बना हुआ है की अगर पुलिया में पानी का स्तर बढ़ गया तो यह पटरी कभी भी गिर सकती है इसका खतरा बना हुआ है| हम सभी लोग यहाँ से पैदल भी निकलते है बाइक लेकर भी जाते है यह पटरा हिलती रहती है इस कारण से डर बना है|
ग्रामीणों का कहना है की इस बारे में शासन प्रशासन को सोचना चाहिए न हम लोग कई बार बोल चुके है लेकिन अधिकारी लोग इस पर कोई निर्णय नहीं लेते है आने वाले समय म अगर इस पुलिया में पानी का सत्तर बढ़ गया तो कभी भी यह पुलिया गिर सकती है|
जिला वाराणासी, ब्लाक चिरईगांव,गांव ढ़ाब सोता में बीते सितम्बर अक्टूबर में आई गंगा में बाढ़ के कारण अम्बाला मोकलपुर घाट के सामने लगा लोहे का प्लेट व अस्थायी पुलिया पी.डब्ल्यूडी द्वारा हटा दी गई थी।जो अभी तक नहीं लग पाई जिसमें ग्रामीणों को आने-जाने में दिक्क़ते हो रही हैं|
जिसके लिए भी बहुत बार शासन प्रसासन से गांव के लोगों ने शिकायत कि है और पुल निर्माण किये जाये कि मांग कि है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है| गाँव के लोगों ने अधिकारियों तक गुहार लगाई है, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई और लोगों थक हार कर ग्रामीणों के जनसहयोग से पुलिया तैयार की ।तब जाकर आवागमन सुचारू रूप से संचालित हो सका। सोत्र का पानी बीते नवम्बर दिसम्बर में सुख गया था। लेकिन शारदा सहायक नहर का पानी हमेशा आने के कारण ढ़ाब के मोकलपुर व गोबरहा मार्ग पर भरा रहता है| जिससे राहगीरों को उसी पानी से होकर गुजरना पड़ता था।
इस मामले में विभागीय अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया पुलिया निर्माण में मुख्य रूप से इस पुल से लगभग 25 हजार लोगों का दिन भर आना-जाना है मलाह बस्ती के रिंकू निषाद, बंगाली निषाद, शशिकांत निषाद, जितेन्द्र निषाद, सहित गांव के सैकड़ों लोगों का सहयोग रहा है जिसमें पुलिया बनी और अब लोगों को आने-जाने में आसानी हो रही है|
-रजनी प्रसाद