नागरिकता संशोधन बिल पर हो रहे प्रदर्शन ने अब दंगे का रूप ले लिया है. वैसे तो देश भर में इस मुद्दे पर प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन इसका केंद्र दिल्ली ही है. 15 दिसंबर को जामिया संशोधन बिल में प्रदर्शन के बाद 17 दिसंबर को उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद–सीलमपुर इलाके में हिंसा की घटना सामने आई है. जिसमे 18 लोगों के जख्मी होने की बात सामने आई है.
आरोप है मंगलवार(17 दिसंबर) को लगभग 12 बजे दिन में सीलमपुर और जाफराबाद थाने के बाहर नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ रैली निकाली गई जिस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव किया. भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. बता दें कि कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक मतीन अहमद ने बाइक रैली भी बुलाई थी.
लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि पुलिस पर पथराव इसी रैली के दौरान हुआ या फिर इसके बाद. प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की, गाड़ियों में तोड़फोड़ की् और आग के हवाले कर दिया। साथ ही दो पुलिस बूथ फूके और एक थाने में भी आग लगाने का प्रयास किया था। इस पथराव में 11 दिल्ली पुलिस के अधिकारी–कर्मचारी और 7 आम नागरिक धायल हो गए है.
इस मामले में पुलिस ने 2 एफआईआर दर्ज की है फिलहाल 6 लोगों को हिरासत में ले लिया है. गिरफ्तार लोग स्थानीय निवासी बताये जा रहे हैं इनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज के अनुसार पहचान कर की गई है.
दिल्ली पुलिस प्रवक्ता एसीपी अनिल मित्तल ने देर शाम आईएएनएस को बताया कि “ फिलहाल इलाके में सुरक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. हालात को तुरंत काबू करने के लिए तीनों जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल को घटना के तुरंत बाद मौके पर बुलाना पड़ा.
मित्तल ने आगे कहा, “सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, शांति भंग करने, दंगा फैलाने, आमजन का रास्ता रोकने, सरकारी काम में बाधा डालने की धाराओं के तहत दो अलग–अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं. एक मामला सीलमपुर और दूसरा मामला जाफराबाद थाने में दर्ज किया गया है.