दिल्ली में वायु प्रदूषण और संस्थागत क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय पर लोगों ने वायु प्रदूषण और दस लाख कुत्तों को हटाने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली में वायु प्रदूषण और संस्थागत क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। हालांकि दोनों मुद्दे अलग-अलग हैं। जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने आवारा कुत्तों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध किया। इसके अलावा बिगड़ती वायु गुणवत्ता के खिलाफ भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन
बीते दिनों 9 नवंबर 2025 को दिल्ली के इंडिया गेट पर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन किया जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया था।
कल यानी 12 नवंबर 2025 को फिर से दिल्ली में छात्रों ने आवाज उठाई। (DU) दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने प्रदर्शन किया जिसमें उनकी मांगे साफ हवा और कुत्तों के लिए सुरक्षित गलियां थीं। लोगों का कहना था कि वर्तमान में दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ता ही नजर आ रहा है। दिल्ली का AQI लगभग 400 के क़रीब पहुंच चुका है जो स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है।
बता दें कुछ छात्रों द्वारा यह भी जानकारी मिली कि कल यानी 14 नवंबर 2025 दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रदूषण के मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का कुत्तों को हटाने वाले आदेश के बाद प्रदर्शन
दिल्ली विश्वविद्यालय के सामने छात्रों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए भी प्रदर्शन किया। बता दें बीते 7 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश आया था। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की एक बेंच ने अपने एक आदेश में सभी राज्य सरकारों से कहा है कि वो आवारा कुत्तों और मवेशियों को हाईवे, सड़कों और एक्सप्रेस-वे से हटा दें। कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी निर्देश दिया कि वे सरकारी और निजी संस्थानों की पहचान करें जिनमें अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, सार्वजनिक खेल परिसर, रेलवे स्टेशन शामिल हैं। उन्हें इस तरह घेर दें कि आवारा कुत्ते अंदर न आ सकें। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अधिकारियों को ऐसे परिसरों से मौजूदा आवारा कुत्तों को हटाकर उनकी नसबंदी करानी होगी। इसके बाद उन्हें डॉग शेल्टर में भेजना होगा। इसी के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया।
इसी बीच एनिमल एक्टिविस्ट जसमीत कौर ने सुप्रीम कोर्ट के दस लाख कुत्तों को हटाने के आदेश मानने से मना कर दिया है। मोलिटिक्स के रिपोर्टिंग के अनुसार जसमीत कौर कहती हैं कि “ये ऑर्डर वापस लेना ही पड़ेगा नहीं तो जितने लोग आज प्रोटेस्ट में हैं ऐसे लोग रोज सड़कों पर उतरेंगे।”
कुछ लोगों ने बताया कहा कि इस तरह मवेशियों को उठाना सही नहीं है। यह भी सवाल आया कि अगर कुत्तों के लिए शेल्टर नहीं है तो उन्हें कहां रखा जाएगा।
View this post on Instagram
छात्रों द्वारा we want justice (हम न्याय चाहते हैं) का नारा भी लगाया गया। छात्रों और लोगों का कहना है कि सरकार और अदालत दोनों को ऐसे फैसले लेने चाहिए जिनसे इंसान और जानवर दोनों की सुरक्षा हो सके।
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’


