चित्रकूट– बलात्कार के मामले में जिला जेल मे बंद अधेड़ की बाथरूम में 11 फ़रवरी की देर रात गमछे से फांसी लगा कर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। जेल प्रशासन को जब इस घटना की जानकारी हुई तो शव को उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। बताया जा रहा है कि बंदी नौ नंबर बैरक में 36 बंदियों के साथ बंद था। भोर पहर में लघुशंका करने के बहाने शौचालय में गया था, जहां जंगले में फांसी लगा ली। मौके पर पुलिस बल के साथ मौजूद एडीएम और सिटी सीओ ने बताया कि नाबालिक से दुष्कर्म के आरोप के बाद से काफी दुखी था। शर्मिंदगी के चलते उसने ये कदम उठाया है।
आत्मग्लानि की वजह से लगाई फांसी
जेल अधीक्षक प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि राजापुर थाना क्षेत्र के छिबो गांव निवासी 51 वर्षीय संतोष शुक्ला पुत्र गुरु प्रसाद 28 दिसम्बर 2020 से मुकदमा अपराध संख्या 271/20 धारा 363, 366, 376 और 506 3/4 पास्को एक्ट आईपीसी के तहत मऊ थाने में रिपोर्ट लिखी गई थी। मृतक के ऊपर नाबालिक बच्ची का अपरहण और गलत काम करने का आरोप था। और रिश्ते में उस लड़की के मामा लगते थे। आत्मग्लानि की वजह से आज रात लगभग ढ़ाई, तीन बजे गमछा और मफलर से दिवार के सहारे लटक कर आत्महत्या कर ली।
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परिवार वालों का आरोप दुष्कर्म के झूठे मामले में भेजा जेल
मृतक के छोटे भाई के ससुर एस पी मिश्रा ने बताया की “रविवार को हम मिलाई के लिए गये थे तो बिल्कुल अच्छे थे। अच्छे से बात की लग नहीं रहा था कि आत्महत्या कर लेंगे। मृतक पर लगाए गये आरोप बिल्कुल झूठे थे इसलिए शर्मिंदगी के कारण ये कदम उठाया होगा। जेल के अंदर ऐसा क्या हुआ जो उसकी जान गई। कारण क्या था यह समझ नहीं आ रहा है। बताया जा रहा है फांसी खिड़की के सहारे वाशरूम में लगाईं है। सवाल यह उठता है कि इन्सान खुद से शौचालय में फांसी कैसे लगा सकता है। शौचालय में न तो पंखा होता है और न कोई ऐसी चीज जिससे लटक कर फांसी लगाई जा सके।”
इस खबर को खबर लहरिया के लिए नाजनी रिजवी द्वारा रिपोर्ट और प्रोड्यूसर ललिता द्वारा लिखा गया है।