सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 87 दिन बाद राममंदिर निर्माण की रुपरेखा तैयार हो चुकी है। दिल्ली में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच मोदी सरकार ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा कि आज सुबह यानि 5 फरवरी 2020 को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा कि राममंदिर निर्माण के लिए 67.03 एकड़ जमीन ट्रस्ट को दी जाएगी। भगवान श्री राम की स्थली पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट पूर्ण रूप से ऑथराइज्ड (अधिकार) होगा।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने के लिए यूपी सरकार से अनुरोध किया गया है। उन्होंने इस पर कार्य तेज कर दिया है।अयोध्या राम मंदिर / बाबरी मस्जिद के ऐतिहासिक फैसला का इंतज़ार
Today we take a historic step ahead towards building a grand Ram Temple in Ayodhya!
It was my honour to address the Lok Sabha on this subject, which is special to many.
I also applauded the remarkable spirit of the people of India.
This is what I said… pic.twitter.com/MJHDHnR3Xo
— Narendra Modi (@narendramodi) February 5, 2020
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने देश के बहुचर्चित राम मंदिर मामले को पिछले साल 9 नवंबर को अयोध्या में ट्रस्ट के जरिए राम मंदिर निर्माण का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 9 फरवरी तक सरकार को ट्रस्ट बनाना था। इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवधि खत्म होने के चार दिन पहले सरकार ने ट्रस्ट के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट से पास होने की सूचना दी है। प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐलान पर कांग्रेस ने सवाल उठाए है। इसे कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव से जोड़ा है। कांग्रेस ने सवाल करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने चुनाव से ठीक पहले की राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान क्यों किया है?
कांग्रेस के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्रस्ट की घोषणा पर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘इस घोषणा से बीजेपी की कमजोरी उजागर हुई है। मुझे यकीन है कि इस घोषणा ने यह सुनिश्चित किया है कि दिल्ली चुनाव को ध्यान में रखते हुए कि यह मतदाताओं को प्रभावित करे। ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी रैली में घोषणा नहीं कर सकते थे इसलिए इसे संसद में रखा। प्रधानमंत्री को आदर्श आचार संहिता की भावना को ध्यान में रखना चाहिए।
ये बात सच है की चाहे चुनाव जीतने के बाद विकास न हो लेकिन चुनाव आते ही विकास की बात होने लगती है। और पार्टियाँ एक दूसरे पर आरोप मढ़ना शुरू कर देते हैं। जिसमें विकास की गति रुक जाती है।