जिला चित्रकूट ब्लॉक मऊ गांव टिकरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा है मऊ क्षेत्र में 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं दोनों में खपटिहा कला में भी डॉक्टर की कमी है और बियाबल में भी डॉक्टर की कमी है यहां तो डॉक्टर नियुक्त है पर आ ही नहीं रहे हैं खानापूर्ति के लिए बड़े डॉक्टर नियुक्त हो जाते हैं |
पर यहां एक-दो दिन के लिए आते हैं इसके बाद कोई नहीं आता है इस अस्पताल में कई गांव लगे हुए हैं जब पूरे मरीज होते हैं लंबी लाइन लगी होती है फार्मासिस्ट के सहारे चलता है फार्मासिस्ट ही पर्चा लिखता है मरीज को भी चेक करता है और दवा भी देते है यदि कोई इस तरह की स्थिति है गांव के लोगों का कहना है |
बड़े डॉक्टर एक बार देखकर दवा दे देते है तो एक बार आना ना पड़े और दूसरी बात ये हैअस्पाताल भीड़ भी लगानी पड़ती है अभी अलग-अलग काम करना पड़े तो इतना भी ना लगे यह स्थिति है जब से अस्पताल खुली है इसी तरह स्थिति बनी हुई है लोगों का कहना है कि कई बार आवाज उठाया गया यहां डॉक्टर को बराबर आना चाहिए पर कोई नहीं आ रहा है आउट गांव है और जैसे मऊ जाएंगे तो यहां से 20 किलोमीटर पड़ेगा इस कारण से सभी लोग यही इलाज करवाते हैं जैसे अस्पताल में तो सुविधा सब है लेकिन जब सर्जन डॉक्टर ही नहीं रहते हैं तो मारीज क्या करेगा फार्मासिस्ट जितना उनसे काम बनता है |
वह पूरा काम करते हैं फार्मासिस्ट में कोई कमी नहीं है लेकिन जब डॉक्टर नियुक्त थे तो डॉक्टर को आना ही चाहिए मरीजों को लाने सुविधा होगा टिकरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट रतीभान सिंह का कहना है कि यहां डॉक्टर तो नियुक्त नाम के लिए लेकिन कहीं मऊ में कहीं कर्वी में उनकी ड्यूटी लग जाती है सिर्फ यहां फार्मासिस्ट के सहारे अस्पताल चल रही है इस तरह की स्थिति 2007 से बनी हुई |