Pride Month की शुरुआत न्यूयॉर्क से हुई व इसे हार साल जून के महीने में ही मनाया जाता है। बालोद जिले की एक शिक्षिका और समाजसेवी, अम्बा जी बताती हैं कि यह प्राइड मन्थ LGBTQIA+ कम्यूनिटी के साथ इस संदेश को देता है कि हमें विभिन्न रंगों के तरीके से संदेश देने का प्रयास करना चाहिए।
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प्राइड मन्थ से LGBTQIA+ कम्यूनिटी की उम्मीदें हैं। यह समुदाय अपने अधिकारों और कानूनी संरक्षण की उम्मीद रखता है चाहें वह सरकार से हो या समाज से। इसलिए वे रंगों के माध्यम से या अपनी आवाज बुलंद करके समाज को एक संदेश देना चाहते हैं कि उन्हें भी समाज में एक स्थान मिलना चाहिए।
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अम्बा जी पिछले पांच सालों से सोशल वर्क कर रही हैं, चाहें वह महिलाओं के लिए हो या बच्चों के लिए हो, या LGBTQIA+ समुदाय के लिए हो। वह कहती हैं कि यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं है, यह हम सबकी लड़ाई है, हमारे समाज की लड़ाई है।
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