बिल का उद्देश्य संघ और राज्य लोक सेवा आयोगों, रेलवे और मेडिकल, इंजीनियरिंग और विश्वविद्यालय कार्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षाओं सहित विभिन्न सार्वजनिक परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकना है।
सरकारी भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और फर्ज़ी वेबसाइट जैसी बेईमानी के खिलाफ लोकसभा में लोक परीक्षा (The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024) विधेयक 2024 पास कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार, 06 फरवरी को लोकसभा में इस बिल को मंजूरी दी थी। इसमें अधिकतम सजा 10 साल की है और 1 करोड़ रूपये तक का जुर्माना शामिल है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट करते हुए कहा, “हमने छात्र या उम्मीदवार को इस कानून के दायरे में नहीं रखा है। ये कानून उन लोगों के विरुद्ध लाया गया है, जो इस परीक्षा प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करते हैं।”
बता दें कि कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में सोमवार 5 फरवरी को लोक परीक्षा बिल 2024 (अनुचित साधन रोकथाम)/The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill यानी विधेयक पेश किया था।
विधयेक के दायरे में आधारित परीक्षाएं कौन-सी है?
- यूपीएससी (UPSC)
- संघ लोक सेवा आयोग (UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION)
- एसएससी (SSC )
- कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission)
- नीट(NEET)
- राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (National Eligibility cum Entrance Test)
- सीयूईटी (CUET)
- सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (Common University Entrance Test)
रेलवे द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाएं, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं इसमें शामिल हैं।
विधयेक में अपराध की श्रेणी में आने वाले काम
– प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी को लीक करना।
– सार्वजनिक परीक्षा में अनाधिकृत (अधिकार से बहार) रूप से किसी भी तरीके से सामने से या पीछे से (छिपकर) उम्मीदवार की सहायता करना।
– किसी व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह या संस्थानों द्वारा किए गए कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर संसाधन या कंप्यूटर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करना।
– धोखा देने या आर्थिक लाभ के लिए फर्जी वेबसाइट का निर्माण।
– फर्जी परीक्षा का संचालन।
– नकली प्रवेश पत्र जारी करना या धोखा देने या आर्थिक लाभ के लिए प्रस्ताव पत्र जारी करना।
– बैठने की व्यवस्था में हेरफेर, तारीखों और सीटों का वितरण।
– उम्मीदवारों को परीक्षाओं में अनुचित साधन अपनाने की सुविधा देना।
– परीक्षाओं में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को न्यूनतम 3 साल की सजा मिलेगी। इसे बढ़ाकर पांच साल किया जा सकता है और 10 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
लोक परीक्षा बिल का उद्देश्य
इस बिल का उद्देश्य संघ और राज्य लोक सेवा आयोगों, रेलवे और मेडिकल, इंजीनियरिंग और विश्वविद्यालय कार्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षाओं सहित विभिन्न सार्वजनिक परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकना है।
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’