पिछले कई महीनों से रिपोर्टिंग के दौरान देखने को मिला कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां अंदर ही अंदर खूब चल रही हैं चाहे गांव स्तर पर हों या फिर चाहे प्रशासन स्तर पर हो। गांवों में लोगों के बीच खूब चर्चाएं हैं चुनाव की तैयारी को लेकर क्योंकि इस बार प्रत्याशियों के लिए नए नियम लागू किये गए हैं जो कि निवर्तमान प्रधानों को दोबारा चुनाव लड़ने से रोक सकते हैं। जिले के 12 लाख 22 हजार से अधिक मतदाता पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 86 हजार से अधिक नए वोटर शामिल हुए हैं।
बांदा जिले में बढ़ गए नए वोटर
जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत चुनाव) कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में मतदाताओं की कुल संख्या 1222611 हो गई है। जबकि वर्ष 2015 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वोटरों की कुल संख्या 1135942 थी। पांच साल बाद 86669 नए वोटर पंचायत की मतदाता सूची में शामिल हुए हैं।
वार्डो की संख्या हुई कम
मतदाता सूची के साथ ही मतदान केंद्र व मतदेय स्थलों को भी निर्धारित कर दिया गया है। इस बार के पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत व इसके वार्ड, क्षेत्र पंचायत के वार्डों की संख्या भी कम हुई है। पंचायत चुनाव में नए परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत के 6153 वार्ड, 269 ग्राम पंचायतें, 750 क्षेत्र पंचायत के वार्ड निर्धारित हुए हैं। जबकि जिला पंचायत के वार्ड पिछले चुनाव की तरह 30 ही है
2047 मतदान स्थलों पर डाले जाएंगे वोट
मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ ही जनपद स्तर पर पंचायत निर्वाचन विभाग द्वारा मतदान केंद्रों व मतदान स्थलों का निर्धारण कर दिया गया है। मतदान केंद्रों की कुल संख्या 979 व मतदान स्थलों की संख्या 2047 है। इन्हीं बूथों पर पंचायत के वोट डाले जाएंगे।
एक जनपद एक दिन मतदान
निर्वाचन आयोग चुनाव को कम समय में समेटने के लिए सरकार के एक सुझाव पर भी तेजी से काम कर रहा है। सरकार ने एक जनपद में एक ही दिन मतदान कराने का सुझाव दिया है और निर्वाचन आयोग इसमें सम्भावनाएं तलाशने में जुट गया है हालांकि एक दिन में एक जिले में मतदान की प्रक्रिया का दबाव सबसे ज्यादा सरकार पर ही पड़ेगा।
जबकि अब तक एक जिले में ब्लॉक के हिसाब से चार चरणों में चुनाव होते थे। निर्वाचन आयोग पहले चरण के बाद मतदान कर्मियों को तीसरे चरण के केन्द्र पर तैनात कर देता था। इसी तरह दूसरे चरण के मतदान कर्मी चौथे चरण के मतदान केंद्र पहुंचते थे। जाहिर है एक दिन में मतदान होने पर ज्यादा मतदान कर्मियों की जरूरत होगी साथ ही प्रशिक्षण से लेकर तैनाती की चुनौती खड़ी होगी।