जिला चित्रकूट ब्लाक मनिकपुर गांव भौंरी का पुरवा गेटा
के लोगों की शिकायत है कि उनके गांव के आंगनवाड़ी केंद्र ना होने की वजह से उन्हें पंजीरी नहीं मिल पाती।
गांव की आबादी तकरीबन दो हज़ार है , जिसमें पांच सौ वोटर है। इसके बावजूद गांव में गर्भवती महिलाओं के लिए आंगनवाड़ी केंद्र नहीं बनाया गया है। एक गर्भवती महिला के लिए संतुलित आहार और पोषण बेहद ज़रूरी है। साथ ही माह में दो से तीन बार डॉक्टर से मिलना भी ताकि गर्भ के दौरान चीजों के बारे में गर्भवती महिला जान सके। लेकिन इस गांव की महिलाएं इन सब चीजों से अछूती हैं।
गर्भ के दौरान जिन चीजों की एक गर्भवती महिला को ज़रूरत होती, वह लोग उन चीजों को पूरा कराने में असमर्थ हैं। कई बार लोगों ने अधिकारियों से भी शिकायत की, पर कहीं से भी उनकी शिकायत की ओर ध्यान नहीं दिया गया।
आंगनबाड़ी की कार्यकर्त्ता अंजलि पांडेय का कहना है कि वह अपना सारा काम समय से करती हैं बस कुछ सर्वे छूटे हुए हैं। वह बताती हैं कि अगर गांव में से 36 लोगों का नाम पोषणहार के लिए लिखा गया है तो उसमें से सिर्फ प्रशासन द्बारा 22 लोगों के लिए पोषणहार भेजा जाता है। वह कहती हैं कि इस समय उनके पास प्रशासन की तरफ़ से सुविधाओं को पूरा करने के लिए पैसे भी नहीं भेजे गए हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आई.सी.डी.एस ( एकीकृत बाल विकास सेवा) चित्रकूट के मनोज कुमार का कहना है कि लोगों को डी. पी.ओ और सी.डी. पी से बात करनी चाहिए। पुरवा गेटा गांव उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और ना ही उन्हें इसकी कोई जानकारी है।
एक अधिकारी द्वारा यह कहना है कि गांव उनके क्षेत्र में नहीं आता, उनके कर्तव्य से भागने जैसा लगता है। साथ ही जब हम स्वस्थ भारत का सपना देखते हैं तो उसके लिए शिशुओं का स्वस्थ होना बेहद ज़रूरी है। लेकिन मानिकपुर ब्लॉक इस गांव में लोगों के पास वह सुविधा भी नहीं।