एसएसपी माघ मेला राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था में 5000 से अधिक कर्मी तैनात किए गए हैं।
प्रयागराज जिले में इस समय ‘माघ मेला’ लगा हुआ है जोकि 28 फरवरी तक रहेगा। मेले में लाखों-करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु व पर्यटकों की भीड़ देखने को मिल रही है। 1 जनवरी 2023 को शुरू हुए इस मेले में दूर-दराज़ से आये लोगों ने भिन्न-भिन्न प्रकार की दुकानें व झूलें लगाए हुए हैं।
मेले में लोगों के मनोरंजन के लिए राजस्थान से आये ऊंट भी दिखाई दे रहे हैं जिन्हें बड़े ही सुंदर तरीके से सजाया गया है। लोग ऊंट के ज़रिये संगम घाट के अद्भुत नज़ारे का आनंद ले रहे हैं।
मुरादाबाद से आईं राखी कहती हैं, हर साल वह माघ मेले में आतीं और स्नान करके चले जाती थीं लेकिन इस बार उन्होंने ऊंट की भी सवारी की है। ऊंट पर एक राउंड के लिए 30 रूपये लिए जाते हैं और पूरे संगम घाट के किनारे घुमाया जाता है।
वाराणसी से आईं सविता कहती हैं, मेले में पुराने समाय में मिलने वाली चीज़ें भी मिल रही हैं। पहले कई तरह के रंग-बिरंगी टॉफियां जिसे लोकल भाषा में लेमन चूस कहते हैं, मिल रहे हैं। उन्हें देखकर एक बार फिर बचपन की याद तरो-ताज़ा हो गयी।
इसके आलावा मेले में बच्चों के लिए कई प्रकार के झूले भी लगे हुए हैं। कहीं चकरी वाला झूला है तो कहीं ट्रेन और शेर पर बैठने वाला झूला। सभी झूले बेहद ही आकर्षक हैं और बच्चों सहित सभी को इस मेले में काफी मज़ा आ रहा है।
राजस्थान से आये एक व्यापारी ने मेले में कई प्रकार के अचार लगाए हुए हैं जिसमें आम, नींबू, आंवला, मिर्च इत्यादि के आचार शामिल हैं। अचार की कीमत 50 रूपये पाओ से शुरू हो रही है।
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सुरक्षा हेतु 5000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, लोगों को गंगा तट तक पहुंचाने में प्रशासन की टीम मददगार रही है। एसएसपी माघ मेला राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था में 5000 से अधिक कर्मी तैनात किए गए हैं। इसमें नागरिक पुलिस, महिला पुलिस, घुड़सवार पुलिस, एलआईयू की टीम, खुफिया विभाग के अधिकारी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ,जल पुलिस आदि के कर्मी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि मेले में रीवर एंबुलेंस और फ्लोटिंग पुलिस चौकी की भी व्यवस्था की गई है। सीसीटीवी, शरीर पर धारण योग्य कैमरों, ड्रोन कैमरों से लोगों पर नज़र रखी जा रही है।
मेले में बनाये गए हैं 18 घाट
माघ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए 18 घाटों का निर्माण किया गया। अरैल, झूंसी के अलावा रामघाट, काली घाट, दशाश्वमेध घाट पर सेक्टरों में बांटकर 18 घाट बनाए गए हैं। माघ मेले में हर रोज़ लोगों की संख्या में बढ़ोतरी होती दिख रही है जिसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं का भी इंतज़ाम कर रखा है।
इस खबर की रिपोर्टिंग सुनीता देवी द्वारा की गयी है।
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