महिला ने कहा कि यहां 404 कॉलोनियों में लगभग 300 परिवार रहते हैं, लेकिन यहां की नालियों की हालत इतनी खराब है कि जब बारिश होती है, तो पानी बाहर नहीं निकलता। पूरे मोहल्ले में पानी भर जाता है, और लोग एक किलोमीटर पैदल चलकर बाहर जाते हैं। नालियां पूरी तरह से टूटी हुई हैं, जिससे गंदगी फैलती है और बीमारियों का खतरा बढ़ता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई इस गंदगी और पानी से परेशान है।
रिपोर्ट – सुनीता, लेखन – सुनीता प्रजापति
जिला प्रयागराज, क़स्बा शंकरगढ़ नगर पंचायत के डूडा कॉलोनी यहां की कॉलोनी और नालियां पूरी तरह से टूट चुकी हैं, और यहां पर रहने वाले लोग रोज़ अपने जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। इन कालोनियों की कई सालों से मरम्मत का कोई काम नहीं हुआ है, जिससे यहां के घरों की हालत बेहद खराब हो गई है और रहने वाले लोग दहसत में है, अपनी ज़िदगी के सुरक्षा पर सवाल उठाने लगे हैं।
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कॉलोनी की खराब स्थिति
कॉलोनी में रहने वाली 35 साल की अफसाना ने बताया कि वह पिछले 17 सालों से इस कॉलोनी में रह रही हैं, लेकिन आज तक यहां की कोई मरम्मत नहीं हुई है। घरों की दीवारे टूट गई है, दीवारों में सरिया दिखाई दे रही हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। बरसात के मौसम में घरों में पानी भर जाता है, जिससे घर की स्थिति बद से बत्तर हो जाती है। कभी भी ये घर गिर सकते हैं, जिससे हमारी जान को खतरा हैं।
कौशल्या ने बताया की अगर किसी दिन ज्यादा आधी तूफ़ान या जोरदार बारिस हुई और बिल्डिंग गिर गई तो हमे कौन बचाएगा। मेरे पति की मौत हो गई है,कोई कमाने वाला नहीं है, हमे रात दिन यही डर सताता रहता है, हम अकेले महिला कहाँ जाए।
महिला ने कहा कि यहां 404 कॉलोनियों में लगभग 300 परिवार रहते हैं, लेकिन यहां की नालियों की हालत इतनी खराब है कि जब बारिश होती है, तो पानी बाहर नहीं निकलता। पूरे मोहल्ले में पानी भर जाता है, और लोग एक किलोमीटर पैदल चलकर बाहर जाते हैं। नालियां पूरी तरह से टूटी हुई हैं, जिससे गंदगी फैलती है और बीमारियों का खतरा बढ़ता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई इस गंदगी और पानी से परेशान है।
कॉलोनी के महबूब ने कहा की यहां की नालिया टूटी होने की वजह से पूरे रास्ता में पानी भरा रहता है। जिससे रास्ता भी खराब हो गया है कोई भी साधन अंदर नहीं आता है अगर कोई बीमार हो जाता है और इमरजेंसी में अस्पताल जा हो तो १ किलोमीटर दूर मरीज़ को पैदल लेकर आना पड़ता है।
मजबूरी में रह रहे लोग
फातिमा ने कहा की इस कॉलोनी में ज्यादातर गरीब लोग हैं, जो रोज़ाना की मेहनत-मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं। हम लोगो के पास आय का कोई साधन नहीं है और हम मजबूरी में इस कॉलोनी में रह रहे हैं।
महिला ने कहा, ” हमारे पास रहने के लिए घर नहीं है, अगर हमारे पास घर होता तो हम सरकारी आवास में क्यों रहते? लेकिन यहां की स्थिति इतनी खराब है कि हम अपनी जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। जब हम लोग खाना बनाते हैं तो ऊपर से बालू गिरता है, पूरा खाना खराब हो जाता है, हम लोग आराम से निकाल कर खाते है, कई बार कहते समय मुंह में कंकड़ आ जाते है। जब आंधी तूफान चलता है तो कपड़ा में बालू भर जाता है, बरसात के मौसम में छत से पानी गिरता है जिससे पूरा घर में पानी भरा रहता है। घर गिरने का डर हर समय सताता है।” यही स्थिति कॉलोनी के हर घर में है।
हुसैन ने बताया की जब भी चुनाव होते है नेता आते है आश्वासन देते है और फिर चुनाव ख़तम होते ही सब भूल जाते है, कोई भी वापस देखने नहीं आता है। पूरी कालोनी की लगभग 3 किलोमीटर एरिया में बनी है। जो सभी टूट गई है आधे टांगों तक पानी भरा रहता है। बच्चे गिर जाते है, अगर कोई अनजान ब्यक्ति मोटरसाइकिल से आता है तो और वो निकालने की कोशिश करता है तो गाड़ी सहित गिर जाते है, काई लोगो के हाथ पैर टूटने जैसे हादसा हुए है। हमने कई बार नेता मंत्री से मिले है और कहा है पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
नगर पंचायत की चेयरमैन का कहना
शंकरगढ़ नगर पंचायत की चेयरमैन पार्वती कोटार्य ने कहा अगर कालोनी की ऐसी हालत है तो उसको दुबारा से जरूर मेंटेन कराया जायेगा। इसके लिए ज्यादा से बजट की जरूरत होगी, हम अपनी मीटिंग में ये बात रखेंगे, और प्रस्ताव भी भेजेंगे। जैसे ही बजट पास होकर आएगा तो कालोनियों में काम कराया जायेगा। जो नाली टूटी है उसका काम हम जल्दी ही शुरू करवा देंगे। अभी दूसरे मोहल्ले में नालियां बनने का काम चल रह है।
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