भीषण गर्मी में बालू में काम करने की मजबूरी झेलते मज़दूरों की कहानी। जब तापमान 42°C को पार कर जाता है, तो बालू की तपिश उनके शरीर को झुलसा देती है। ना छांव, ना पानी की व्यवस्था – फिर भी पेट पालने के लिए मज़दूरी करना इनकी मजबूरी है। राजकुमारी जैसी मज़दूर महिलाएं बताती हैं कि एक बोरी बालू भरने पर सिर्फ़ 5 रुपये मिलते हैं। यह कमाई इलाज तक के लिए भी काफी नहीं होती, लेकिन काम नहीं करेंगे तो बच्चे भूखे मरेंगे।
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