खबर लहरिया Blog प्रयागराज: जिम का निर्माण बस नाम मात्र के लिए

प्रयागराज: जिम का निर्माण बस नाम मात्र के लिए

सरकार विकास के लिए गांव में जिम भी बनवा रही है जिससे लोग सेहत का भी ध्यान रख सकें, लेकिन क्या ये जिम इस्तेमाल करने लायक है? क्या इस जिम तक पहुंचना आसान है?

जंगल के बीच स्थित जिम की हालत की तस्वीर (फोटो साभार: खबर लहरिया)

रिपोर्ट – सुनीता, लेखन – सुचित्रा 

उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिले के शंकरगढ़ ब्लॉक के लखनपुर गांव में जिम तो खोल दिया गया और कसरत के लिए मशीने भी लगा दी गई फिर भी इनका इस्तेमाल ग्रामीण नहीं कर पाते, ऐसा क्यों? इस गांव में दो स्थानों पर जिम का निर्माण किया गया है, एक ग्राम पंचायत से और दूसरा क्षेत्र पंचायत से। हालांकि, दोनों जिमों में कोई खास फायदा नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये जिम पूरी तरह से बेकार साबित हुए हैं।

गांव से दूर हैं जिम

लखनपुर गांव में रहने वाली नीलम बताती है कि, “ ये जिम गांव से काफी दूर है और जंगल के इलाके में है। ऐसे में इनका इस्तेमाल बहुत ही कम होता है। इस जिम को बनवाने में खाली बजट का पैसा बर्बाद हुआ है। दो साल से यह जिम बने हुए हैं, लेकिन आज तक कोई बच्चा भी जिम करने नहीं गया। ये जिम गांव के पास होते और चारों तरफ बाउंड्री लगी होती, तो इसका इस्तेमाल करते। ग्राम पंचायत से जो जिम 2 लाख 70 हजार रुपये के बजट से बना था, वही क्षेत्र पंचायत से बना जिम 4 लाख रुपये के बजट से था, लेकिन इन दोनों का कोई फायदा नहीं हुआ।”

जिम की हालत खराब

लखनपुर की रानी ने भी कहा कि, “दूसरे गांवों में जिम और पार्क दोनों अच्छे तरीके से बनाए गए हैं, जहां बच्चों के खेलने के लिए सभी सुविधाएं हैं। वहां पेड़-पौधे, पानी की व्यवस्था, शौचालय और बाउंड्री जैसी सुविधाएं हैं, जिसके कारण बच्चों का वहां आना-जाना लगा रहता है। बच्चे, बूढ़े, पुरुष और महिलाएँ सब बड़े शौक से जाते हैं। लखनपुर में बने जिम का हाल खराब है वहां जाने का मन नहीं करता।”

इस जिम की हालत देख के ऐसा लगता है किसी ने जंगलों के बीच कसरत करने के लिए मशीने लगा दी है। दूर दूर तक कोई हरियाली भी नज़र नहीं आती बस धूप से झुलसे हुए पेड़ दिखाई देते हैं।

रानी का कहना है कि क्षेत्र पंचायत से बने जिम में लगी मशीनें बारिश के दौरान टूट जाती हैं और कई सामान तक चोरी हो गए।

प्रधान ने दिया जिम की स्थिति सुधारने का भरोसा

लखनपुर के प्रधान रामजतन ने बताया कि गांव की कुल आबादी लगभग 2000 है। जब जिम का निर्माण हुआ था, तो सरकारी जमीन की समस्या के कारण यह जंगल में बना दिया गया था। अब ग्राम पंचायत वाले जिम में कुछ सुधार करवाएंगे जैसे कि इंटरलॉकिंग खड़ंजा, बाउंड्री, और गेट लगवाए जाएंगे, ताकि लोग इसका बेहतर उपयोग कर सकें।

शंकरगढ़ ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी ने बताया कि 2020-2021 में शंकरगढ़ ब्लॉक के लगभग 76 ग्राम पंचायतों में जिम बनवाए गए थे। इनमें से कुछ जिम अच्छे से बने थे, जबकि कुछ जिम अधूरे थे। उन्होंने कहा वे जिम की स्थिति में सुधार लाने के लिए काम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि लोग इन जिमों का उपयोग कर सकें।

जिम बनने की खुशी बदली निराशा में

ग्रामीणों का कहना है कि वे इस जिम के निर्माण से बहुत खुश थे, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि जिम से उनकी सेहत बेहतर होगी। वे रोजाना जिम कर पाएंगे। लेकिन जिम की स्थिति बहुत खराब है, और इसे इस्तेमाल करने में कोई भी रुचि नहीं दिखा रहा है। जिम का आधा अधूरा बनना और खराब सुविधाएं देना ग्रामीणों की उम्मीदों के साथ खेलना है।

स्थानीय लोगों का मानना है कि सरकारी बजट का सही उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि इन जिमों का सही तरीके से उपयोग हो सके जिस उद्देश्य से इसे बनाया गया है वो तो पूरा हो।

 

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