जहाँ एक तरफ यूपी सरकार में कम से कम 50% विधायक ऐसे हैं जो विधान सभा के तौर-तरीकों से बिलकुल अनजान हैं और साथ ही में न उन्हें जनता के प्रति आचार-प्रचारण का कोई ज्ञान है, इन बातों को ध्यान में रखते हुए यूपी मंत्रीमंडल द्वारा बुधवार को एक फैसला लिया गया है जिसके चलते गाज़ियबाद में एक “राजनीतिक प्रसिक्षण संसथान” खोला जाएगा। जिसमे मेह्त्वाकांशी राजनीतिक नेताओं को इस पेशे की बारीकियों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
क्या आपको 16 मई 2017 की यूपी सरकार की पहली नियुकत सभा का वो दृश्य याद है? जहाँ समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के विधायकों ने अपना बल दिखाते हुए कैसे राज्यपाल राम नैक द्वारा सम्भोदित अधिवेशन को बाधित कर दिया था।
उस 35 मिनट के वाक् के दौरान, व्यवस्थापक राजेश यादव लगातार सीटी बजाते रहे ताकि नैक को कोई सुन न पाए। वहीँ दूसरी तरफ उन्ही के सहयोगी नैक पर लगातार कागज़ की बनी गेंद फेंकते रहे। बचाव के बावजूद भी कई गेंदे राज्यपाल नैक को लग ही गई थी।
दूसरी तरफ 2017 के चुनाव में हारने के बाद, विरोधी दल के विधयाकों ने हल्ला-गुल्ला कर के यह सुनिश्चित किया कि इसके द्वारा राज्यपाल नैक के अधिवेशन को दबा दिया जाए। कई अधिकारी न केवल सभा के अन्दर बल्कि विधान सभा के बहार भी अपने नए पाए इस औदे का गलत फ़ायदा उठाकर बेशर्मी भरा बर्ताव दिखाते हैं।
अगर कुछ उदहारण को देखें, जैसे की अभी बुधवार को आई एक रिपोर्ट से पता चलता है की ब्रिजेश प्रजापति, तन्द्वारी के बीजेपी विधायक ने बाँदा के बुंदेलखंड क्षेत्र में, किसी खनिज अधिकारी को सर्किट घर के कमरे में बंधक बनाकर उसे बुरी तरह से पीटा था। ऐसे ही पिछले साल भी, बीजेपी के विधायक केसर सिंह और प्रियंका यादव पर भी अधिकारिओं के साथ बुरा व्यवहार करने का आरोप लगाया गया था।
ये तो बस कुछ उदहारण हैं, ऐसे कई और भी सामाजिक प्रतिनिधि है जिन्होंने अपने औदे का गलत इस्तेमाल करते हुए उसका गलत फ़ायदा उठाया है। इसी का सोचता हुए यूपी सरकार ने यह अहम फैसला देश के हित के लिए लिया है ताकि भविष्य में बनने वाले राजनेता सरकार को अच्छे से चला पाएँ और कभी किसी के साथ दुर्व्यवहार न करें।
इस प्रस्ताव को सीएम योगी द्वारा अनुमति मिल गयी है और इसी के चलते ये देश का पहला राजनीतिक संसथान बनेगा जहाँ भविष्य में बनने वाले राजनेताओं को चुनाव लड़ना सिखाया जाएगा और साथ ही जनता, सहकर्मी और अधिकारीयों के प्रति अच्छा स्वाभाव रखना भी सिखाया जाएगा। ऐसी संसथान में न तो कोई परीक्षा होगी न ही उन्हें कोई डिग्री प्राप्त होगी। केवल उनके प्रसिक्षण पर ध्यान दिया जाएगा।
इस संसथान को गाज़ियाबाद में 4 हेक्टेयर की ज़मीन पर बनाया जाएगा, जिसका खर्चा लगभग 200 करोड़ पड़ेगा। ‘जिसमे से 180 बी.एच.के का सेट पुरुष नेताओं के लिए होगा और 80 महिलाओं के लिए’, ऐसा शेहरी विकास मंत्री सुरेश खन्ना का कहना है।