पुलिस की वर्दी को देखकर किसी का मन बहुत खुश हो जाता है तो किसी को बहुत ही गुस्सा आता है जिसका काम हो जाता है वह पुलिस की तारीफ करता है और जिसको थोड़ी सी दिक्कत होती है वही पुलिस को भला बुरा कह कर गालियां देता है पर व्यक्ति पुलिस की वर्दी तक कैसे पहुंचा है क्या-क्या मेहनत करनी पड़ी है यह दर्द किसी ने नहीं जान पाया है।
मिलन ने बताया कि वह एक गरीब परिवार से हैं महोबा में रहकर तैयारी करता था उसका सिलेक्शन हो गया है पर अभी मेडिकल बाकी है यहां तक पहुंचने के लिए मिलन ने खुद प्राइवेट जॉब करके पढ़ाई की है तैयारी की है एक बारी नहीं बल्कि दूसरी पारी में वह दौड़ निकाल पाया है यहां तक पहुंचने में उसने बहुत सारे ताने सुने हैं पर कभी हार नहीं मानी।
राजकुमार कुशवाहा ने बताया कि वह है जालौन पुलिस ऑफिस में हेड कांस्टेबल है किसान का बेटा है पर उसके अंदर एक जुनून था कि उसको पुलिस की जॉब करनी है वह लगातार मेहनत करता रहा। जो उसके पास था उसी में उसने काम चलाया है और आज वह अपनी ड्यूटी कर रहा है भर्ती के दौरान में बहुत सारी उसको सजाएं मिली हैं मां बाप की याद आने पर वह अपने परिवार वालों से फोन में रोया है छोटी सी गलती होने पर उसने सजाएं भुक्ति हैं पर आज यह सारी चीजें उसके लिए मायने नहीं रखती हैं |
पुलिस स्पेशल सीरीज़ में