यूपी में विधानसभा चुनाव किये जाने का निर्णय चुनाव आयोग द्वारा उठाया गया सही कदम है या नहीं, यह तो कहा नहीं जा सकता। हाँ, यह तो साफ़ दिख रहा है कि कोरोना की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर काफ़ी असर पड़ा है। अध्यापकों के परिवार की आर्थिक स्थिति भी दयनीय हो चुकी है। उन्हें सरकार की तरफ से कोई सहायता भी नहीं जा रही।
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अब कोरोना की तीसरी लहर आने की भी आशंका बताई जा रही है। ऐसे में भी कई सरकारी ऑफिस, बाज़ार खोले जा रहे हैं तो फिर इसी तरह अब विद्यालयों को भी खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए। जैसे ही कोरोना का प्रकोप बढ़ता है, सबसे पहले स्कूलों को ही बंद किया जाता है। इससे बच्चों की शिक्षा पर बेहद असर पड़ा है। बच्चे ऑनलाइन उस तरह से पढ़ाई नहीं कर पाते जिस तरह से दैनिक स्कूलों में होती है। कई बच्चें ऐसे हैं जिनकी पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं है, ऐसे में वह बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से भी वंचित रह जाते हैं। शिक्षा का उनके पास कोई साधन नहीं होता।
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