जब से 34 साल के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की हत्या का मामला सामने आया है, लोगों में गुनहगार को सज़ा दिलाने का गुस्सा दिखाई दिया है। जिसमें सबसे ज़्यादा शक़ सुशांत की गर्लफ्रैंड रिया चक्रवर्ती पर ही गया है।
मंगलवार 8 सितंबर की दोपहर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग्स के मामले में रिया चक्रवर्ती का सम्बंध होने की वजह से उसे हिरासत में ले लिया है। सेंट्रल एजेंसी द्वारा कई दिनों की पूछताछ के बाद 34 साल के सुशांत सिंह राजपूत की हत्या में ड्रग्स को लेकर रिया का नाम सामने आया है।
ज़मानत की अर्ज़ी हुई खारिज़
अदालत ने रिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत का फैसला सुनाया है साथ ही उसकी ज़मानत की अर्जी भी खारिज़ कर दी है। रिया इसके बाद ज़मानत के लिए उच्च न्यायालय जा सकती है।
नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थ 1985 एक्ट के तहत , नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को गिरफ़्तार किया है। वहीं सुशांत सिंह राजपूत के इंसाफ के लिए लड़ने वाले लोगों का कहना है कि अब सुशांत को इंसाफ मिल गया है। सारे टीवी चैनल और सोशल मीडिया इन्हीं बातों से भरी हुई है।
नेटीज़न्स ने उठाई रिया के लिए आवाज़
नेटीज़न्स ( इंटरनेट का अधिक उपयोग करने वाले) ने अभिनेत्री चक्रवर्ती के हिरासत में होने के बाद मीडिया और अदालत पर कटाक्ष कसा है। जॉर्नलिस्ट आंद्रे बोरगेस ने हिरासत को लेकर ट्वीटर पर बहुत ही सटीक बात कही थी जिसके बाद से लोगों ने उन्हें ट्रोल करना भी शुरू कर दिया था। जॉर्नलिस्ट आंद्रे बोरगेस ट्वीट करते हुए कहा था ” रिया की गिरफ़्तारी पर लोग कितना ज़श्न मना रहे हैं। क्या लोगों को इस बात का एहसास हो रहा है कि उसे हत्या या पैसों की हेरा–फेरी की वज़ह से नहीं पकड़ा गया है?
रिया को उस चीज़ के लिए गिरफ़्तार किया गया है जिसकी वजह से पूरी मुम्बई जेल जा सकती है । वीड लेने की वजह से। “
Damn, the amount of celebration about Rhea’s arrest. Do people realise that it’s NOT on charges of murder and money laundering?
Rhea’s been arrested on something that most of Bombay would be in jail for. Smoking weed.
— Andre Borges (@borges) September 8, 2020
एनसीबी की रिपोर्ट में नहीं थी ड्रग्स की बात
8 सितंबर के एनडीटीवी के शो में भी यह बात साफ़ तौर पर कही गयी थी कि एनसीबी की रिपोर्ट में रिया के द्वारा ड्रग लेने की कोई भी बात नहीं कही गयी है। इस लिंक पर जाकर देखिए
No mention of drug consumption by #RheaChakraborty on NCB records, @arvindgunasekar reports pic.twitter.com/o8JjizIaDB
— NDTV (@ndtv) September 8, 2020
जॉर्नलिस्ट सुप्रिया शर्मा भी कहती हैं ” असत्य काल। भारत इस वक़्त युद्ध और आर्थिक कमी झेल रहा है। लेकिन खबरें सिर्फ कुछ ग्राम मारिजुआना को लेकर ही चल रही है। यह बड़े पैमाने का धूम्रपान है।“
Surreal times. India faces threat of war and economic collapse. But the news is obsessing over a few grams of marijuana. Mass scale smoking up.
— Supriya Sharma (@sharmasupriya) September 8, 2020
फिल्मी जगत के लोग और अन्य लोग “जस्टिस फ़ॉर रिया” कर रहे हैं ट्वीट
जब मंगलवार को रिया को पकड़ा गया तो उस वक़्त उसने ” स्मैश द पैटरीआर्कि / पित्रसत्ता को तोड़ो” लिखी हुई टी–शर्ट पहनी हुई थी। ” रोजेज आर रेड, वैलेट्स आर ब्ल्यू, लेट्स स्मैश द पैटरीआर्कि, मी एन्ड यू।”
फिल्मी जगत से लेकर और कई अनेक लोगों ने टी–शर्ट पर लिखी हुई बात को अपने ट्वीटर और सोशल मीडिया जगहों पर डाला और रिया की हिरासत को लेकर अपनी बात रखी। करीना कपूर खान, सोनम कपूर, विद्या बालन, अनुराग कश्यप, फरहान अख़्तर ऐसे फिल्मी जगत के लोग थे जिन्होंने रिया के साथ अपनी एकजुटता दिखाई और ‘जस्टिस फ़ॉर रिया‘ की मांग की।
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Everyone loves a witch hunt as long as it’s someone else’s witch being hunted. Walter Kirn
जब से सुशांत की हत्या का मामला शुरू हुआ, न्याय दिलाने वाले लोगों ने इंसाफ मांगने की हर सीमा को पार कर दिया है। भारत की सरकार कहती है कि वह महिलाओं की इज़्ज़त करती है, देश के लोग कहते हैं हमें पता है कि महिलओं का सम्मान कैसे करना चाहिए। लेकिन इस मामले में इसमें से कोई भी बात सच होती नज़र नहीं आई।
अगर वह गुनहगार भी है तो चरित्र पर उंगली उठाना, निम्न स्तर के पोस्टर और अभद्र भाषा का उपयोग करना सही नहीं है। पूरे मामले के दौरान कभी ” चुड़ैल हंट” तो कभी ‘ काला जादू” जैसी बातें मीडिया चैनल्स द्वारा दिखाई जा रही है। क्या यह सब लिखकर या स्त्री की अस्मियता को नीचे गिराकर इंसाफ़ मिल जाएगा? क्या इसी तरह से मीडिया और लोग इंसाफ़ की उम्मीद करते हैं? ऐसे मामलों में जब स्त्री की इज़्ज़त का हनन किया जाता है तो सरकार चुप क्यों रहती है? कई लोगों के लिए तो ये पूरा मामला बस एक राजनीतिक खेल है। अगर सब खेल है तो इंसाफ जिसकी मांग की जा रही है वह कहां है?
कुछ मीडिया चैनल्स अपनी टीआरपी देख रही है, राजनेता आने वाले चुनाव का मुद्दा देख रहे हैं, कुछ लोग बस महिला को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। क्या देश मे किसी को इंसाफ दिलाने का यही तरीका है? या इंसाफ है ही नहीं। सब बस अपनी–अपनी रोटियां सेंक रहे हैं।