शनिवार को जब इंजन-कम ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के समय उसे कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा, तो कई लोगों ने उसकी निंदा की।
जिसके चलते मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस की निंदा करते हुए इन लोगों को देख कहा कि भारत के इंजीनियरों और तकनीशियनों का अपमान करने के जुर्म में इन्हें दंडित किया जाना चाहिए।
ऐसे में प्रधानमंत्री की टिप्पणी विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब के रूप में दिखाई दी, जिन्होंने सरकार पर ट्रेन की लॉन्चिंग में भाग लेने का आरोप लगाया था।
इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा कि “मैं उन इंजीनियरों को सलाम करता हूं, जो भविष्य में भारत में बुलेट ट्रेन बनाएंगे और इसे सफलापूर्वक चलाएंगे”।
कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने शनिवार को इस घटना को लेकर सरकार से सवाल भी किये।
घटना में वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसे पहले ट्रेन 18 के नाम से जाना जाता था, वाराणसी से अपनी यात्रा के दौरान दिल्ली से लगभग 200 किलोमीटर दूर रुक गई।
ट्रेन पर सवार ज्यादातर लोग जिनमे रेलवे अधिकारी और पत्रकार भी शामिल थे, को दूसरी ट्रेन में स्थानांतरित करना पड़ा क्योंकि कर्मचारियों ने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस पर नियंत्रण प्रणाली विफल हो गई थी। भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन के रूप में बिल की गई ट्रेन, फिर धीमी गति से दिल्ली पहुंची, जहां इसे ठीक किया गया।