जिला छतरपुर ब्लॉक छतरपुर के गांव राधेपुर पूर्व में कुछ लोगों के आवास नहीं बने हैं जिससे लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। लोगों का कहना है कि उन लोगों ने काफी बार आवास के लिए फॉर्म भी भरा लेकिन सरकार की तरफ से कोई पैसे नहीं आएं। हालांकि, पैसा सरकारी है वह लोग ज्यादा जबरदस्ती भी नहीं करते।
सरपंच के पास जाते हैं तो उनका यही कहना होता है कि फॉर्म तब ही भरे जाएंगे जब सरकार की तरफ से आवास के लिए पैसे आना शुरू हो जाएंगे। गांव वालों का कहना है कि शिकायत जितनी बार भी करो लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। इसलिए उन लोगों ने अब शिकायत ही करना छोड़ दिया है। लोग कच्चे घर में रहते हैं। उनका कहना है कि अगर उन्हें आवास के पैसे मिल जाते तो वह भी अपना घर बनवा लेतें।
कई लोग अपना घर ना होने की वजह से किराये के घर मे भी रहते हैं। बारिश के समय जिनके पास अपना घर नहीं होता, वह पन्नी लगाकर खुद को बचाते हैं। लेकिन उस पन्नी के घर को हम घर नहीं कह सकते। जिसके ढहने का खतरा लोगों को हमेशा महसूस होता रहे। आखिर ग्रामीणों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीणो के काम क्यों नहीं आ रही? क्या अधिकारियों और जिला प्रशासन को मालूम नहीं कि कितने लोग किराये और पन्नी के घरों में रहने को मजबूर है? उस योजना को शुरु करने का क्या लाभ, जब वह उस व्यक्ति को ही फायदा नहीं दे पा रही, जिसके नाम से योजना की शुरूआत की गई थी।