उषा अहिरवार कहती हैं “हमारे घर में पहले बिजली नहीं थी। अभी कुछ दिन पहले ही लाइट लगवाई है और सीधे स्मार्ट मीटर लगा दिया गया। जब से मोहल्ले में स्मार्ट मीटर लगे हैं तब से बिजली बार-बार जाती है और बिल भी ज्यादा आता है। हर महीने बिल भरती हूं फिर भी लाइट टाइम पर नहीं रहती।”
रिपोर्ट – अलीमा, लेखन – सुचित्रा
सरकार की ओर से बिजली के लिए अब घर-घर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में भी लगभग 80% घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। हर मोहल्ले में 3 हजार से ज्यादा आबादी है। हालांकि, इस नई व्यवस्था से कई लोग खुश नज़र नहीं आ रहे हैं।
स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों की शिकायत
छतरपुर जिले के नरसिंहगढ़ पुरवा, वार्ड नंबर 38 में रहने वाली जुलेखा बेगम बताती हैं “जब से स्मार्ट मीटर लगा है। हमें बिजली का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। रीडिंग बहुत तेजी से बढ़ती है। चाहे हम बिजली का इस्तेमाल कम ही क्यों न करें। पहले बिल 500 रुपए के आसपास आता था। अब 2000 रुपए से 2500 रुपए तक आ रहा है। इस वजह से हमने हर कमरे में जीरो वाट वाला बल्ब (सीएफएल) लगाया है। यह स्मार्ट मीटर मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आया। पहले जो मीटर लगे रहते थे उसमें लोग रीडिंग लेने आते थे, अगर एक दो महीने बिल न भी जमा करो तो कोई दिक्कत नहीं होती थी।”
लक्ष्मीबाई मोहल्ला, वार्ड नंबर 15 में रहने वाली उषा अहिरवार कहती हैं “हमारे घर में पहले बिजली नहीं थी। अभी कुछ दिन पहले ही लाइट लगवाई है और सीधे स्मार्ट मीटर लगा दिया गया। जब से मोहल्ले में स्मार्ट मीटर लगे हैं तब से बिजली बार-बार जाती है और बिल भी ज्यादा आता है। हर महीने बिल भरती हूं फिर भी लाइट टाइम पर नहीं रहती।”
लोगों का कहना है कि अगर बिल समय पर जमा न करें तो लाइट ऑटोमेटिक यानी अपने आप बंद हो जाती है। कई लोग समय पर बिल नहीं जमा कर पाते जिसकी वजह से उन्हें दूसरों से उधार लेकर बिल जमा करना पड़ा तब जाकर बिजली आती है।
बिजली के बिना जीना मुश्किल
बिजली हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है। बिजली के बगैर हम कुछ नहीं कर पाते। चाहे पढ़ाई लिखाई हो और चाहे घर का काम हो, कुछ नहीं हो पता है। यहां जब से स्मार्ट मीटर लगा है तब से बिजली में इतना घपला हो रहा है कि भीषण गर्मी भी हो तो बिजली टाइम पर नहीं रहती। कभी-कभी तो इतनी कटौती होती है कि दो-तीन दिन नहीं रहती।
लाइट गुल होने को लेकर फैली भ्रांतियों पर दी सफाई
बिजली विभाग के कार्यपालन अधिकारी एस.के. मिश्रा ने साफ़ कहा कि स्मार्ट मीटर के कारण बिजली नहीं जाती। यदि किसी उपभोक्ता का बिल जमा नहीं होता, तभी उसकी बिजली अपने आप कट जाती है। जैसे ही भुगतान किया जाता है, बिजली तुरंत बहाल हो जाती है। यदि पूरे मोहल्ले की बिजली चली जाती है तो वह किसी तकनीकी फॉल्ट या लाइनमैन द्वारा की गई मेंटेनेंस के कारण होता है, न कि स्मार्ट मीटर की वजह से।
स्मार्ट मीटर की नारजगी पर बिजली विभाग ने बताये फायदे
जब लोगों ने स्मार्ट मीटर को लेकर बिजली विभाग से नाराजगी जताई तो स्मार्ट मीटर के फायदे बताने लगे। जैसे :
- अब मीटर रीडर को घर-घर जाकर रीडिंग लेने की ज़रूरत नहीं होगी।
- बिजली की खपत की रीडिंग स्वतः रिकॉर्ड होगी।
- बिजली चोरी पर पूरी तरह से रोक लगेगी क्योंकि स्मार्ट मीटर में हेराफेरी संभव नहीं है।
- यदि उपभोक्ता समय पर बिल जमा नहीं करता है तो लाइनमैन को लाइन काटने के लिए नहीं भेजना पड़ेगा।
- मीटर से ही बिजली की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। जैसे ही उपभोक्ता बिल का भुगतान करेगा, बिजली तुरंत चालू हो जाएगी।
कार्यपालन अधिकारी एस.के. मिश्रा ने यह भी बताया कि पूरे शहर में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के आदेश प्राप्त हुए हैं। इस योजना के तहत अभी तक लगभग 80 प्रतिशत घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। हालांकि कुछ स्थानों पर मीटर लगना शेष है क्योंकि वहां उपभोक्ताओं द्वारा पूर्व में बकाया बिजली बिल जमा नहीं किया गया है।
नए नियमों के अनुसार, केवल उन्हीं घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे जहाँ बिजली का बकाया बिल पूरी तरह से जमा हो चुका होगा। यह मीटर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के लगाए जा रहे हैं।
छतरपुर के इन इलाकों में स्मार्ट मीटर
एस.के. मिश्रा ने बताया कि छतरपुर जिले के कई क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इनमें प्रमुख रूप से निम्न स्थान शामिल हैं जिसे विप कॉलोनी, 24 कॉलोनी, नया मोहल्ला, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी और नारायण बाग। इसके अलावा कुछ गांवों में भी मीटर लग चुके हैं, जैसे नरसिंहगढ़, पूर्व निवाड़ी, खेड़ी, देरी। कुछ स्थानों पर अभी मीटर लगना बाकी है, जहां उपभोक्ताओं का बिल बकाया है। ऐसे मामलों में लोक अदालत के माध्यम से बिल में रियायत दी जाएगी और फिर मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर लगवाना हर घर के लिए अनिवार्य है।
स्मार्ट मीटर भले ही सरकार के लिए विकास का एक और उदाहरण हो लेकिन लोगों के लिए ये एक नई मुसीबत है। जिन घरों में बिजली कई साल बाद आई है और आते ही उन्हें इस तरह की समस्या से गुजरना पड़ रहा है। सरकार को स्मार्ट मीटर के फायदे गिनाने के बजाय लोगों की समस्या का समाधान करना चाहिए।
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