पटना जिले के फुलवारी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव जानीपुर में रहने वाले जलाल मोहम्मद भारती के गायक होने का सफर हमने उनसे जानने की कोशिश की। उन्होंने बताया, अपने समय में वह अलग-अलग स्टेजों पर जाकर गीत गाते थे व नाटक करते थे। गांवो में जाकर गीत गाते थे और उन्हें उपहार के रूप में बहुत सारा प्यार और कुछ खर्च के लिए पैसे भी मिल जाते थे।
ये भी देखें – पटना : मगही व भोजपुरी भाषा के गायक गोलू यादव
यह सिलसिला लगातार कई सालों तक चलता रहा। उन्हें गाना गाना इतना पसंद था कि वह अगर रेडियो पर गाना सुन लेते थे या टीवी पर तो उसे गुनगुनाना शुरू कर दिया करते थे। गुनगुनाते-गुनगुनाते कब लोगों को उनकी आवाज पसंद आ गई, उन्हें पता भी नहीं चला। लोग उन्हें अपने कार्यक्रमों में बुलाने लगे। धीरे-धीरे उनकी चर्चाएं आस-पास के लोगों में होने लगी। उनकी मुलाकात एक गायक से हुई जिन्होंने उन्हें तालीम दी। तालीम के बाद उन्हें पता चला कि एक गायक होने का सही मतलब क्या होता है।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’