पटना के एक छोटे से गाव में, कुछ दलित महिलाओं ने बैंड बजाकर लिखी हिम्मत की नयी दास्तान। जहां लोगो ने ताने दिए, वही से उन्होंने अपनी पहचान बनायी।
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