पटना जिले के फुलवारी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव ढिबरी के उप मुखिया द्वारा किए गए कामों के बारे में बात करते हैं। गांव वालों का कहना है कि इससे पहले भी कई मुखिया गांव के पद पर रह चुके हैं, लेकिन उनकी कार्यशैली इतनी सत्यापित नहीं हुई थी। उन्होंने जो काम करने का वादा किया था, वह काम नहीं हुआ था जैसा कि उम्मीद की जा रही थी। जब उन्हें पहली बार चुनावों में चुना गया था, तो लोगों की उम्मीदें बहुत बढ़ गई थी कि अब उनके गांव में विकास होगा और ऐसा हुआ भी, मुखिया बनते ही उन्होंने गांव के विकास को प्राथमिकता दी। वे अपने द्वारा किए गए कामों के लिए लोगों की सुनते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए कई बार रातों-रात काम करते हैं।
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कुछ महिलाओं ने बताया कि उनके पास अपने रहने के लिए घर नहीं था, और वे छप्पर में घर रह रही थीं। जब उन्होंने इस बारे में उपमुखिया को बताया तो वे उनके लिए एक आवास डलवा दिया, जिसके लिए लोग उनकी बहुत प्रशंसा करते हैं। कुछ महिलाओं ने बताया कि उनको वृद्धा पेंशन नहीं मिल रही थी, लेकिन अब उन्हें वृद्धा पेंशन दिलवाई गई है। गांव के लोगों ने यह भी बताया कि गांव में रोड-नाली की बहुत समस्या थी, लेकिन जब से यह मुखिया बने हैं, तब से उन्होंने रोड और नाली के निर्माण का काम शुरू कर दिया है, जिससे गांव में पानी की समस्या कम हो गई है और लोग इससे बहुत खुश हैं।
गांव वाले चाहते हैं कि बचे हुए कामों को भी पूरा किया जाए और उन्होंने इस बारे में मुखिया से बात की। उन्हें पता चला कि मुखिया का चयन सेलेक्शन सचिवालय में हो गया था, लेकिन गांव वालों ने उन्हें चुनावों में खड़ा कर दिया था और वे जीत गए थे। उन्होंने सोचा कि उन्हें पहले गांव के काम करवा दिया जाएगा और उसके बाद अपनी चिंता की जाएगी। गांव में रोड नहीं था, इसलिए उन्होंने इस समस्या का समाधान किया है और गांव में रोड बनवाई है। अब लोगों को आसानी से गांव में घूमने की सुविधा है। वहां पानी की भी समस्या थी, लेकिन मुखिया ने इस समस्या को हल किया है और अब सभी को पानी मिल रहा है। अब उन्हें चाहिए कि मुख्य रोड भी बनवाई जाए, जो अभी तक बाकी है।
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मुखिया ने बताया कि सेलेक्शन सचिवालय में उनका चयन हो गया था, लेकिन उन्हें गांव के लोगों ने खड़ा किया था और उन्हें जीत मिली थी इसलिए उन्होंने पहले गांव के कामों का ध्यान दिया है। वे बताते हैं कि एक मुखिया का दायित्व होता है कि वह लोगों की उम्मीदों को पूरा करें।
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