बिहार में शौचालय के टैंक के निर्माण के लिए सीमेंट की टंकियां का उपयोग ज़्यादा होता है। वहां पर हर घर में ऐसी सीमेंट की टंकी देखने को मिल जाएगी। इसके व्यापारी, मृत्युंजय राय ने बताया कि वह इसका काफी सालों से व्यापार कर रहें है। इन टंकियों की खास बात यह है कि यह गरीबों के लिए काफी कम बजट में बन जाती है। महिलाओं को शौच के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ता है। इस टंकी को बनाने में सीमेंट, गिट्टी, मोरम अदि सामग्री लगती है।
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इस टैंक को बनाने वाले मिस्त्री ने बताया कि इसे बनाने में उन्हें 4 घंटे लगते है और यह पूरे तरीके से 8 से 10 दिनों में तैयार हो जाती है। 1 दिन में वह 3 से 4 टंकियां बना लेते हैं। इस टंकी को बनाने में काफी कम बजट लगता है, इसमें लगभग 15 हज़ार से 20 हज़ार तक का खर्च आता है। इसे फिट करने में भी कोई दिक्कत नहीं होती क्योंकि इसे कहीं भी रखा जा सकता है। ऐसी टंकी बिहार के लगभग कई राज्यों में देखने को मिल जाएगी। इसे बनवाने के आर्डर भी दिए जाते है।
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