खबर लहरिया Blog पटना, दानापुर: इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की नई शाखा का हुआ उद्घाटन, गरीबों के लिए होता है मुफ्त इलाज

पटना, दानापुर: इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की नई शाखा का हुआ उद्घाटन, गरीबों के लिए होता है मुफ्त इलाज

राजगोपाल बताते हैं कि दानापुर अनुमंडल अस्पताल के पास शाखा खोलने का मुख्य कारण यह है कि इस अस्पताल में केवल गंभीर मामलों का इलाज किया जाता है, जबकि छोटे-मोटे रोग, जैसे सर्दी, बुखार आदि के लिए मरीजों को अन्य स्थानों पर रेफर कर दिया जाता है। अब, इस शाखा के खुलने से लोगों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।

इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के फॉर्म की तस्वीर (फोटो साभार: सुमन)

रिपोर्ट – सुमन, लेखन – सुचित्रा

पटना जिले के दानापुर अनुमंडल के बस स्टैंड के पास इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के तहत एक नई शाखा 14 जनवरी 2025 को खोली गई थी। इस संस्था का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क इलाज प्रदान करना है। यह शाखा समाज सेवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए समर्पित है।

इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी क्या है?

इंडियन रेड सोसायटी दानापुर अनुमंडल शाखा के अध्यक्ष राजगोपाल शर्मा बताते हैं कि उन्हें इस संस्था में काम करते हुए 30 साल हो गए हैं। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और इंडियन रेड सोसायटी के तहत लोगों को जोड़ने एवं निस्वार्थ सेवा में अपना समय बिताते हैं।

इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की देश – विदेश में शाखाएँ

वे बताते हैं कि इंडियन रेड सोसायटी न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में कार्यरत एक संस्था है। यह 192 देशों में सक्रिय है। भारत में इसकी 700 से अधिक शाखाएँ हैं, जिनमें से एक नई शाखा दानापुर अनुमंडल में भी स्थापित हो गई है।

यदि पटना जिले की बात करें, तो यहाँ इंडियन रेड सोसायटी की शाखाएँ छह स्थानों पर स्थित हैं:

  • मसौढ़ी अनुमंडल
  • बाढ़ अनुमंडल
  • बिहटा
  • पटना
  • पुनपुन
  • दानापुर अनुमंडल (नई शाखा)

इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी का गठन क्यों और कब

इंटरनेट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इंडियन रेड सोसायटी का गठन 1920 में ब्रिटिश सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य प्रथम विश्व युद्ध (1916-1918) के दौरान घायल हुए सैनिकों के उपचार और देखभाल के लिए एक अच्छी व्यवस्था स्थापित करना था। ब्रिटिश सरकार ने इस संस्था की स्थापना इसलिए की ताकि युद्ध में घायल सैनिकों को उचित चिकित्सा सहायता मिल सके।

इतनी बड़ी संस्था को चलाने के लिए फंडिंग कहां से आती है?

राजगोपाल बताते हैं कि संविधान में एक प्रावधान है, जिसमें यह बताया गया है कि सरकार की सभी लाभदायक (प्रॉफिट में चलने वाली) कंपनियाँ, जिन क्षेत्रों में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की शाखा है, तो वह 4% तक रुपए इस संस्था को देगी। इसमें विशेष रूप से कई कंपनियाँ और खास तौर पर बैंक शामिल होते हैं।

इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी से बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद

बिहार में हर साल बाढ़ आती है, और इस साल भी बाढ़ आई थी। दानापुर अनुमंडल एक ऐसा क्षेत्र है, जो हमेशा बाढ़ से प्रभावित रहता है। इस बार की बाढ़ से प्रभावित लोगों को मेडिसिन, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुएँ इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा प्रदान की गईं। इस सहायता के लिए फंडिंग एसबीआई, सेंट्रल बैंक और एक अन्य बैंक के सहयोग से की गई, जिसके माध्यम से इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद की।

दानापुर अनुमंडल के ठीक सामने शाखा खोलने की आवश्यकता क्यों पड़ी?

राजगोपाल बताते हैं कि दानापुर अनुमंडल अस्पताल के पास शाखा खोलने का मुख्य कारण यह है कि इस अस्पताल में केवल गंभीर मामलों का इलाज किया जाता है, जबकि छोटे-मोटे रोग, जैसे सर्दी, बुखार आदि के लिए मरीजों को अन्य स्थानों पर रेफर कर दिया जाता है।अब, इस शाखा के खुलने से लोगों को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। यहाँ अनुभवी डॉक्टर उपलब्ध होंगे, जिससे मरीजों को उचित सलाह और उपचार मिल पाएगा।

हमारी शाखा में 15 प्रकार के एमबीबीएस डॉक्टर कार्यरत हैं। प्रत्येक डॉक्टर के लिए समय निर्धारित किया गया है—कुछ डॉक्टर सुबह 10 से 12 बजे तक, कुछ दोपहर 2 से 3 बजे तक, और कुछ शाम 3 बजे के बाद उपलब्ध रहते हैं।

यह केंद्र हाल ही में खुला है, इसलिए अभी कार्यप्रवाह धीरे-धीरे बढ़ रहा है। लेकिन भविष्य में अधिक लोगों को लाभ मिलेगा।

इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की ज़मीन और उसकी व्यवस्था

राजगोपाल आगे बताते हैं कि इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की शाखाएँ आमतौर पर सरकारी ज़मीन पर स्थापित की जाती हैं। दानापुर अनुमंडल की जिस ज़मीन पर यह शाखा खोली गई है, वह 25 साल पहले सरकार द्वारा अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टरों के रहने के लिए दी गए थी। हालांकि, यह बिल्डिंग कभी पूरी तरह तैयार नहीं हो पाई और डॉक्टरों को नहीं मिल पाई जिससे यह स्थान खाली और खंडहर बना रहा।

बाद में, हमने इस ज़मीन के उपयोग के लिए एक आवेदन दिया, जिसके बाद डीएम के आदेश पर एसडीएम द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। उन्हीं के निर्देशानुसार यहाँ इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की शाखा स्थापित की गई।

भविष्य की योजनाएँ:

एक महीने बाद यहाँ ब्लड बैंक और मेडिकल स्टोर की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।
फिलहाल, मरीजों को देखा जा रहा है और उन्हें बिना किसी शुल्क के दवाएँ प्रदान की जा रही हैं।
आने वाले समय में यहाँ चेकअप से लेकर ऑपरेशन तक की सुविधाएँ विकसित की जाएँगी।
अभी आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण ज़रूरत पड़ने पर मरीजों को पटना रेफर किया जा सकता है।
फिलहाल, प्रतिदिन 5 से 10 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।

होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉक्टर का अनुभव

होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉक्टर विकास बताते हैं कि वह पिछले तीन सालों से इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के लिए निःशुल्क रूप से लोगों का इलाज कर रहे हैं। वह प्रधानपुर में रहते हैं और वहाँ उनका एक छोटा सा क्लिनिक भी है। पिछले एक महीने से प्रतिदिन दो घंटे इस शाखा को दे रहे हैं। वह प्रतिदिन 5 से 10 मरीजों का इलाज करते हैं। यदि कोई मरीज गंभीर स्थिति में होता है, तो वह उसे किसी अच्छे डॉक्टर या अस्पताल की सलाह देते हैं। इसके अलावा, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की पटना गांधी मैदान शाखा भी उपलब्ध है, जहाँ वे ज़रूरतमंद मरीजों को रेफर करने की सलाह देते हैं।

मरीज अमित कुमार का अनुभव

मौके पर आए हुए हृदय रोगी अमित कुमार बताते हैं कि उन्होंने पहले कई जगह इलाज करवाने की कोशिश की, लेकिन हर जगह काफी ज्यादा पैसे लिए जाते थे। वह बिहटा के रहने वाले हैं। जब उन्होंने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की शाखा का पोस्टर देखा, तो उन्होंने सोचा कि यहाँ आकर अपना चेकअप करवा लेना चाहिए।

जाँच कराने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनकी समस्या गंभीर नहीं है और सही इलाज से वह आराम से ठीक हो सकते हैं। अमित कुमार कहते हैं कि अगर वह किसी अन्य जगह इलाज कराने जाते, तो कम से कम 200-300 रुपए केवल डॉक्टर की फीस में ही खर्च हो जाते, और दवाओं का खर्च अलग से होता।

वह इस शाखा को एक अच्छी पहल मानते हैं और कहते हैं कि अगर ऐसी सुविधा बिहटा में भी उपलब्ध हो जाए, तो वहाँ के लोगों को भी बहुत फायदा मिलेगा।

 

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